सेक्सी फैमिली हिंदी स्टोरी में पढ़ें कि मैं मौसी को चोदना चाहता था, उसे छेड़ता था. एक बार मैं मौसी के घर गया तो मुझे मौसी की चुदाई का मिला. कैसे?
मैं अन्तर्वासना पर कई साल से सेक्स कहानियां पढ़ रहा हूं. मैंने कुछ कहानियां लिखी भी हैं. आज भी मैं आपके लिए अपनी एक कहानी लेकर आया हूं.
आपको अपनी सेक्सी फैमिली हिंदी स्टोरी बताने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूं. मेरा नाम विहान (बदला हुआ) है. मेरी उम्र 22 साल है और मेरी हाइट 5 फीट है. मेरे लंड का साइज 6 इंच है जो 1.5 इंच मोटा है.
आज जो कहानी मैं आपको बताने जा रहा हूं वो मेरी मौसी की चुदाई की कहानी है कि कैसे मैंने अपनी वासना के कारण अपनी मौसी को चोदा था।
मैं यहां पर जगह का नाम और लोगों का नाम नहीं लिखूंगा क्योंकि मैं नहीं चाहता कि कल को कोई मेरी मौसी के बारे में कुछ बोले।
अब मैं आपको मौसी के बारे में बताता हूं. मेरी मौसी 36 साल की है. उनका एक बेटा भी है. मौसी का फिगर 34-28-32 का था। मैं उसके रूप के साथ उसकी सेक्सी बॉडी का भी दीवाना था।
उसके शरीर में सबसे ज्यादा उत्तेजित करने वाला भाग उसका सीना था. हां दोस्तो, मौसी के बूब्स इतने मस्त थे कि उनको देखकर ही लंड खड़ा हो जाता था।
मौसी के बारे में सोचकर मैं कई बार मुठ भी मार चुका था। कई बार मैं बहाने से मौसी की गांड को भी टच कर चुका था.
जब भी मैं मौसी के घर जाता था तो उसकी गांड को बहाने से टच कर देता था. वो कुछ नहीं बोलती थी।
मगर इससे आगे बढ़ने की हिम्मत मेरी अब तक नहीं हुई थी.
पहले तो मैं अक्सर अपनी मौसी के यहां जाता रहता था लेकिन फिर जैसे जैसे मैं कॉलेज की पढ़ाई में व्यस्त होने लगा तो मेरा वहां जाना कम होने लगा.
अभी मैं दिसम्बर 2019 में मौसी के यहां पर गया था। उस वक्त मेरे एग्जाम खत्म हुए थे और मुझे एक प्रोजेक्ट के लिए एक फैक्ट्री में जाना था.
संयोग से वो फैक्ट्री मौसी के घर के बहुत पास थी.
मैंने मौसी को पहले ही बोल दिया था कि मैं उनके घर रुकने के लिए आऊंगा.
मौसी ने भी हां कर दी थी.
उसी वक्त मेरे मन में मौसी की चुदाई का विचार चल रहा था।
उस दिन फिर मैं सुबह में 10 बजे मौसी के यहां पहुंच गया. उस वक्त तक मौसा अपने काम पर चुके थे.
मेरी मौसी का लड़का अपने स्कूल की तरफ से नेशनल पार्क को देखने गया हुआ था।
मेरे जाने पर मौसी मुझे देखकर खुश हुई और उसने मेरा अच्छे से स्वागत किया. फिर वो मरे लिए कुछ खाने के लिए लाने गयी और मैं टीवी देखने लगा।
फिर वो मेरे लिये नाश्ता लेकर आयी. खाना पीना होने के बाद मौसी और मैंने घर के बारे में बातें कीं.
मैंने अपने घर के बारे में बताया और मौसी के घर के बारे में पूछा.
हमें बैठे हुए 2 घंटे हो गये. इस बीच बहुत सारी बातें हुईं और मैं और मौसी उसी संबंध को महसूस करने लगे जो कुछ वक्त पहले मेरे और मौसी के बीच में था जब हम एक दूसरे के साथ खूब मस्ती मजाक करते थे।
उसके बाद मौसी किचन में खाना बनाने के लिए चली गयी. कुछ देर तो मैं टीवी देखता रहा और फिर मैं भी किचन में चला गया।
मैं यहां वहां घूमते हुए मौसी की गांड को छेड़ने लगा.
एक दो बार मैंने हाथ मारा तो मौसी मुस्कराने लगी.
अब मेरी थोड़ी हिम्मत बढ़ी तो मैं मौसी के पीछे जाकर ही खड़ा हो गया.
मैंने मौसी की गांड पर लंड को टच करवा दिया.
वो बोली- तू ज्यादा होशियार मत बन. मैं सब जानती हूं.
मैंने कहा- मजाक ही तो कर रहा हूं मौसी!
वो बोली- ऐसे मजाक बीवी के साथ अच्छे लगते हैं मौसी के साथ नहीं।
फिर मैंने सोचा कि कहीं मौसी गुस्सा न हो जाये इसलिए मैंने ज्यादा कुछ नहीं किया.
मगर मेरा लंड पूरा तन गया था. मेरी पैंट में साफ देखा जा सकता था कि मेरा लंड कैसे तना हुआ है।
मौसी ने भी मेरे लंड को देख लिया था लेकिन उसने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की.
वो चुपचाप सब्जी बनाने में लगी रही.
फिर मैं दोबारा से हॉल में चला गया.
थोड़ी देर के बाद मौसी रोटियां बनाने लगी. फिर उसने खाना परोसने की तैयारी शुरू कर दी. उसने टेबल पर सब्जी लाकर रख दी.
फिर वो जब दोबारा गिलास में कुछ लाने लगी तो एकदम उसका पैर किचन के दरवाजे की चौखट में ठोकर से टकरा गया और वो धड़ाम से नीचे जा गिरी।
गिलास की सारी लस्सी फर्श पर फैल गयी और मैं मौसी को उठाने दौड़ा.
मैंने सहारा देकर उसे उठाया और फिर उसको धीरे धीरे उसके रूम में ले गया. मैंने वहां जाकर उसे लिटाया और उससे चोट के बारे में पूछा.
गिरने से मौसी की कमर में झटका आ गया था.
वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है विहान, मेरी कमर का पहले ही इलाज चल रहा था और आज ये झटका और लग गया ऊपर से।
मैं बोला- मैं डॉक्टर के पास ले चलूँ आपको मौसी?
वो बोली- नहीं, डॉक्टर के पास तो तेरे मौसा ले जायेंगे. अभी तू अलमारी से बाम निकाल कर ले आ. वह बहुत असरदार है. फिलहाल के लिए मेरा दर्द कम हो जायेगा.
मौसी के कहने पर मैं अलमारी से बाम निकाल कर ले आया। मौसी ने अपनी साड़ी कमर से हटा दी.
मैं बाम लगाने लगा तो उसके पेटीकोट के पास से साड़ी बीच में आने लगी क्योंकि उनको दर्द उनकी गांड के बिल्कुल पास रीढ़ की हड्डी में था।
वो हाथ लगाकर बताने लगी.
तो मैंने कहा- वहां तक मेरा हाथ नहीं पहुंच रहा है.
वो बोली- रुक, मैं पेटीकोट को थोड़ा ढीला कर लेती हूं.
मौसी उठी और उसने अपनी साड़ी को खोलकर पेटीकोट से बिल्कुल अलग कर दिया.
फिर उसने अपने पेटीकोट का नाड़ा खोला और उसको हल्का सा नीचे सरका लिया.
पेटीकोट उतना नीचे तो नहीं था कि मौसी के चूतड़ ही दिखने लगें लेकिन जहां से मौसी की गांड की दरार शुरू होती थी वहां तक का भाग जरूर दिख रहा था.
वो बाईं करवट लेकर लेटी हुई थी और मैं उसके पीछे बैठा हुआ उसकी कमर पर बाम लगाने लगा. अब मेरे हाथ मौसी के चूतड़ों के ऊपर वाले भाग को भी छूकर आ रहे थे.
धीरे धीरे मेरे मन में फिर से मौसी के लिए वासना जागने लगी जो कुछ देर पहले मौसी के गिर जाने के कारण शांत हो गयी थी.
मैं अब मालिश करने की बजाय मौसी की गांड को सहलाने पर ध्यान देने लगा.
ऐसे ही मालिश करते हुए मेरे हाथ मौसी के चूतड़ों को हल्का हल्का दबाने लगे.
उसे शायद अभी दर्द हो रहा था इसलिए वो ध्यान नहीं दे रही थी।
करते करते मेरा हाथ अब मौसी के चूतड़ पर अंदर तक पहुंचने लगा.
मुझे पता लगा कि मौसी ने नीचे से पैंटी भी नहीं पहनी थी।
मैं धीरे धीरे अब मौसी के पूरे चूतड़ पर हाथ फिराने लगा।
मेरा लंड खड़ा हो गया था और अब मन कर रहा था कि मैं मौसी की गांड की दरार में भी हाथ से सहलाऊं.
उसकी गांड के छेद को सहलाने का मन कर रहा था लेकिन अभी मैं पूरा आश्वस्त नहीं था कि मौसी उनकी गांड को छूने पर मुझे कुछ नहीं कहेगी।
इसलिए मैंने मौसी के चूतड़ों को दबाकर देखा.
पहले मौसी कराह रही थी लेकिन अब उसकी कराहटें बंद हो गयी थीं. शायद बाम ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया था. मैं अब मौसी की कमर से लेकर उनके चूतड़ों तक की मालिश कर रहा था.
पेटीकोट का नाड़ा खुला ही हुआ था और अब पेटीकोट आगे की तरफ से भी नीचे सरक गया था यानि कि मौसी की चूत अब लगभग उजागर होने की कगार पर थी.
मेरा हाथ आगे चूत की ओर बढ़ना चाह रहा था लेकिन उससे पहले ही मौसी ने अपने ब्लाउज के हुक खोलने के लिए कहा.
वो बोली- थोड़ी सी मालिश मेरे हुक खोलकर कंधे पर भी कर दे. मेरे कंधे पर भी थोड़ी लग गयी थी।
शायद मौसी गर्म हो रही थी.
मैंने वैसा ही किया. उनका ब्लाउज खोल दिया और पाया कि नीचे से मौसी ने अपनी चूचियों के ऊपर ब्रा भी नहीं पहनी थी.
अब मैं मौसी की पीठ से लेकर नीचे कमर की मालिश करते हुए उसकी गांड की दरार तक अपनी उंगलियां चलाने लगा. बीच बीच में मेरे हाथ मौसी की चूत की ओर भी बढ़ जाते थे लेकिन चूत गहराई में थी इसलिए चूत को छूना संभव नहीं हो पा रहा था.
मौसी अब धीरे धीरे आहें भरने लगी थी. उसकी सांसें काफी गहरी हो गयी थीं.
मैं उसकी पीठ की मालिश करते हुए उसकी चूचियों तक हाथ पहुंचाने की कोशिश में लगा था.
अब मौसी कुछ बोल नहीं रही थी बस गर्म गर्म आहें भरने लगी.
जब उससे रुका न गया तो वो मेरी तरफ पलटकर सीधी हो गयी. अब उसका ब्लाउज उसके सीने से सरक गया और मौसी की मोटी मोटी चूचियां नंगी हो गयीं.
मैं एकदम हैरान रह गया. मुझे उम्मीद नहीं थी कि मौसी अपनी चूचियां ऐसे मेरे सामने नंगी दिखा देगी.
मैंने नजर फेर ली और बोला- सॉरी मौसी.
वो बोली- सॉरी की क्या बात है, इतनी देर से तू परेशान हो रहा था. अब आराम से जहां चाहे मालिश कर ले.
मैं बोला- नहीं, सॉरी मौसी, आप गुस्सा हो जाओगी.
जब उसने देखा कि मैं डर रहा हूं तो उसने खुद ही मेरे हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रखवा दिये और बोली- अब आराम से कर ले मालिश. मुझे अच्छा लग रहा है।
मैंने मौसी के चेहरे को देखा तो वो मुस्करा रही थी. मैंने फिर धीरे धीरे मौसी की चूचियों को सहलाना शुरू किया. उनके बड़े बड़े पहाड़नुमा चूचे मेरे हाथों समा भी नहीं रहे थे.
दोनों हाथों से मैं मौसी की चूचियों को मलीलने लगा जैसे रोटियों के लिए आटा गूंथा जाता है.
मौसी सिसकारने लगी.
उनकी सिसकारें सुनकर मुझे भी जोश चढ़ने लगा।
मैं चूचियों से होते हुए अब हाथ को पेट और नीचे मौसी की चूत के ऊपर तक सहलाने लगा.
फिर धीरे धीरे मेरी उंगलियां मौसी की चूत को छूकर भी आने लगीं.
अब मौसी ने अपनी जांघें थोड़ी और चौड़ी कर लीं. इशारा मेरे लिये साफ था. मैंने अपने हाथ को पूरा मौसी की चूत पर रगड़ दिया और मौसी की छोटे बालों वाली चूत को मैंने हथेली से सहला दिया.
एकदम से मौसी सिसकारी और उसका हाथ मेरे लंड पर आ गया. वो मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से ही पकड़ कर दबाने और सहलाने लगी.
मुझे भी सेक्स का जुनून चढ़ गया और मौसी की चूत में उंगली दे दी.
उसकी चूत में उंगली गयी तो अंदर से चूत गीली और काफी गर्म महसूस हुई. मैं चूत में उंगली करने लगा तो मौसी सिसकारते हुए उठी और मेरे सिर को झुकाकर मुझे अपने ऊपर लिटाते हुए मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैं भी मौसी की चूत में उंगली करता हुआ उसके होंठों को चूसने में लग गया.
हम पांच मिनट तक होंठों के रस को खींचते रहे और मेरा हाथ मौसी की चूत पर खेलता रहा।
अब मौसी एकदम से चुदासी हो चुकी थी. वो मेरे हाथ को अपनी चूत पर जोर से दबा रही थी ताकि मेरी उंगली उसकी चूत में और ज्यादा मजा दे.
मैंने अब होंठों को छोड़ा और मौसी की चूचियों को मुंह लगाकर पीने लगा.
वो मेरे सिर को सहलाने लगी और मेरे चूतड़ों पर हाथ फिराने लगी. फिर मैं चूचियों से होता हुआ नीचे पेट पर चूमकर नीचे चूत पर पहुंचा.
मैंने मौसी का पेटीकोट खींचकर उसे नीचे से भी पूरी नंगी कर दिया.
अब मौसी मेरे सामने टांगें खोले पूरी नंगी पड़ी थी.
मैंने पल भर की देर किये बिना ही उसकी चूत पर जीभ रख दी और चाटने लगा.
वो सिसकारने लगी- आह्ह … विहान … आह्ह … उईई … ओह्ह … चूस जा इसे … आह्ह … अंदर तक चोद दे।
मैं मौसी की चूत को खाने लगा और फिर मेरा कंट्रोल भी छूटने लगा. मैं अब अपने लंड को और नहीं तड़पा सकता था. मैंने झट से अपने कपड़े खोल फेंके और पूरा नंगा हो गया.
इतनी देर से तनाव में रहकर मेरे लंड का बुरा हाल हो गया था. वो पूरा गीला हो गया था.
मैंने अपने लंड को अंडरवियर से पौंछा और फिर मौसी के मुंह के सामने कर दिया.
मुझे पता नहीं था कि मौसी कैसे प्रतिक्रिया देगी लेकिन फिर उसने मेरे चेहरे की हवस को देखा और अपना मुंह खोलकर मेरे लंड को अंदर ले लिया.
मैं मौसी के मुंह को चोदने लगा.
मौसी मेरे लंड को गले तक लेने लगी. मैं भी मौसी के गले में पूरा अंदर तक लंड उतार देना चाहता था.
फिर वो खांसने लगी और मेरा लंड बाहर निकाल दिया.
अब वो उठी और एक बार फिर से मेरे होंठों को चूसने लगी. फिर उसने धीरे धीरे मेरी गर्दन को चूमते हुए मुझे नीचे लिटा लिया और मेरी पूरी बॉडी को चूमने लगी.
मुझे पूरे बदन में गुदगुदी हो रही थी. मौसी ने मुझे छाती पर चूमा, मेरी चूचियों के निप्पलों को चूसा और फिर पेट पर चूमा. उसके बाद वो नीचे लंड की ओर जाने लगी और उसने घूमकर अपनी गांड मेरे मुंह की ओर कर दी.
मैं समझ गया कि मौसी क्या चाहती है. मैंने उसकी चूत में मुंह लगा दिया और नीचे से वो मेरे लंड को चूसने लगी. मैं सोच नहीं सकता था कि मौसी इतनी अच्छी खिलाड़ी निकलेगी.
दोस्तो, अब मैं स्वर्ग में था. मैंने तीन चार मिनट तक लंड चुसवाया और मौसी की चूत को चूसा. अब मैं चूत चोदने के लिए बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गया. मैंने मौसी की टांगों को फैलाया और अपना लंड मौसी की चूत पर रख दिया.
लंड लगाकर मैंने एक धक्का दिया तो गच्च से लंड मौसी की चूत में उतर गया. इतनी देर से मौसी की चूत गीली हुई पड़ी थी और मेरे लंड पर भी मौसी ने ऊपर से नीचे तक अपनी लार चिपका दी थी.
लंड को अंदर डालकर मैं मौसी के ऊपर लेट गया और उसकी चूत में धक्के लगाने लगा. अब मेरे मुंह से भी आह … आह … मौसी … ओह्ह … हम्म … ओह्ह … मौसी … करके कामुक आवाजें आ रही थीं.
मौसी ने अपनी टांगों को मेरी कमर पर लपेट लिया और मेरी गर्दन को चूमते हुए चुदने लगी. मैं भी उसकी चूत की चुदाई मैं जैसे खो सा गया. मैंने आंखें बंद कर लीं और चूत चोदने का पूरा मजा लेने लगा.
हम दोनों के जिस्म एक दूसरे की तरफ धक्के मार रहे थे. मैं मौसी को चोद रहा था और वो बदले में धक्के लगाकर जैसे मुझे अपनी चूत से चोदने की कोशिश कर रही थी।
20 मिनट तक हमारी यह चुदाई चलती रही.
मेरा माल निकलने को हुआ तो मैंने मौसी से पूछा- कहां निकालना है?
तो मौसी ने कह दिया कि अंदर ही निकाल दे.
उसके कुछ धक्कों के बाद ही मेरा वीर्य निकल गया और मैं मौसी की चूत में झड़कर उसके ऊपर ही लेट गया.
मेरा लंड मौसी की चूत के अंदर ही था.
वो मेरे बालों को सहला रही थी.
फिर वो सहलाते हुए बोली- जिन्दगी में पहली बार मुझे सेक्स में ऐसी संतुष्टि मिली है।
मैंने पूछा- मौसी तुम कब झड़ीं?
वो बोली- जब तू मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी चूत को तेजी से चोदने में लगा हुआ था.
इस बात पर मैंने मौसी के होंठों को चूम लिया और फिर वो भी मेरे बदन को अपनी बांहों में कसते हुए मुझे चूमने लगी.
हमने एक लम्बा स्मूच किया और फिर अलग हो गये।
वो बोली- तेरा स्टेमिना तो बहुत अच्छा है.
मैंने कहा- पता नहीं मौसी लेकिन मुझे भी पहली बार सेक्स में इतना मजा आया है. एक बात और कहना चाहता हूं अगर तुम बुरा न मानो तो?
मौसी ने कहा- बोलो।
मैं बोला- मुझे आपकी गांड भी चोदनी है. मैंने कभी किसी लेडी की गांड चुदाई नहीं की.
वो बोली- पागल हो गया है क्या? मैंने कभी तेरे मौसा को गांड नहीं दी तो तुझे कैसे दे दूं.
उसके बाद वो उठकर जाने लगी तो मैंने उसे पकड़ लिया और उसकी चूचियों को पकड़ कर पीने लगा.
वो भी मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी.
फिर उसने मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसा और एक बार फिर मेरे लंड का पानी मेरे मुंह में गिरवा लिया.
इस बार मौसी मेरे वीर्य को पी गयी.
फिर मैंने सोच लिया कि मैं मौसी की गांड चुदाई भी करके ही रहूंगा. उसके बाद मैं इस कार्य में कैसे कामयाब हुआ वो भी कभी आपको बताऊंगा.
आपको ये सेक्सी फैमिली हिंदी स्टोरी कैसी लगी इसके बारे में जरूर लिखें. मुझे बहुत अच्छा लगेगा आपकी राय जानकर। थैंक्यू फ्रेंड्स।
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