लेस्बियन सेक्स के बाद मेरी ज़ोरदार चुदाई- 2

हॉट रंडी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मैं अपने ग्राहक के ऑफिस में उसी की जवान सेक्रेटरी के साथ चुदी. वहां पर हम दोनों की चूत और गांड कैसे ठुकी?

नमस्कार मित्रो, मैं आज फिर हाज़िर हूँ अपनी हॉट रंडी सेक्स स्टोरी
मैं बेशर्म कालगर्ल बन कर चुद गयी
का अगला भाग लेकर। उम्मीद हैं कि आपको मेरी कहानी पसंद आ रही होगी।

इस कहानी को सुनकर मजा लें.

जैसा कि पिछले भाग में आपने पढ़ा कि हरीश जी ने मुझे अपने लंड की सवारी करा के मेरी चूत की ज़ोरदार चुदाई की।
जब हरीश जी मेरी चूत चोद रहे थे तभी प्रिया मेरी गांड चाटने लगी। उसने मेरी गांड को पूरा गीला कर दिया।

काफी देर तक लंड की सवारी कराने के बाद हरीश जी ने मुझे अपने ऊपर से उतारकर बिस्तर पर पटक दिया।
फिर प्रिया आकर मेरी चूत चाटने लगी।

जब मेरी नज़र हरीश जी के खड़े लंड पर पड़ी तो मेरे मन मैं और चुदने की चाह होने लगी।

अब आगे की हॉट रंडी सेक्स स्टोरी:

प्रिया मेरी चूत चाटे जा रही थी और मैं हरीश जी के खड़े लंड को देखे जा रही थी। हरीश जी का पानी पीना पूरा हुआ तो वो हमारी ओर बढ़ने लगे।

चूँकि प्रिया मेरी चूत को चाट रही थी, उसकी गांड पीछे हरीश जी की ओर थी।
उन्होंने जैसे ही हमारी ओर देखा, उनकी नज़र सीधे प्रिया की गांड पर पड़ी और उसी पर टिक गई।

वो हवस भरी नज़रों से प्रिया की गांड को देखते हुए हमारी ओर बढ़ने लगा।

बिस्तर के पास पहुँचकर उन्होंने प्रिया के उठे हुए गांड को दोनों हाथों से थाम लिया और एक झटके के साथ अपना मुँह उसकी चूत से सटा दिया।

अचानक से हुए इस वार से प्रिया सकपका गई, उसके पूरे बदन में एक झटका लगा और वो सामने की ओर होते हुए मेरे पेट पर गिर गई।

लेकिन हरीश जी ने उसे छोड़ा नहीं और उसके चूतड़ पकड़कर पूरी ताकत के साथ उन्होंने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाए रखा।
वो ज़ोर-ज़ोर से अपना मुँह उसकी चूत पर घुमाने लगे।

प्रिया के पूरे बदन पर झटके पर झटके लग रहे थे, हरीश जी के हर वार के साथ प्रिया होश खो रही थी।

वो गिड़गिराने लगी- आहह … सर.. प्लीज़ … रुक जाओ … आहह … उम्हह … ओहह … प्लीज़ … रुको।
लेकिन हरीश जी नहीं माने और उन्होंने प्रिया को दर्द देते हुए उसकी चूत को चाटना जारी रखा।

करीब एक मिनट से थोड़ी ज्यादा देर तक उन्होंने प्रिया की चूत को चाटा।
वक्त भले कम था लेकिन इतने में ही प्रिया की हालत बहुत खराब हो गई.
और जब हरीश जी हटे तो प्रिया उठने के काबिल भी नहीं बची थी।

प्रिया मेरे पेट के ऊपर लेटे हुए ही तेज़ सांस ले रही थी।

हरीश जी ने प्रिया से पूछा- मज़ा आया?
प्रिया ने हांफते हुए कहा- सर, आपने तो मेरी जान ही निकाल दी।
ये सुनकर हरीश जी ठहाके लगाकर हंसने लगे।
मैं भी इस बात पर मुस्कुरा उठी।

फिर हरीश जी बिस्तर के ऊपर चढ़े और उन्होंने प्रिया को सहारा देकर उठाया और बिस्तर की दूसरी ओर उसे लिटा दिया।

तब वो मेरे पास आए और मेरे पैरों को और ज्यादा फैला दिया; मेरी चूत के पास वो घुटने के बल बैठ गए और अपने लंड को हाथ में लेकर मेरी चूत पर रगड़ने लगे।

फिर दोबारा से मदहोशी में मेरी आँखें बंद हो गई।

कुछ देर तक मेरी चूत पर अपना लंड रगड़ने के बाद उन्होंने धीरे-धीरे अपना लंड मेरी चूत में उतार दिया।

पूरा लंड चूत में जाते ही उन्होंने किसी पिस्टन का तरह मेरी चूत में लंड को अंदर-बाहर करना शुरु कर दिया।
मेरी चूत में तेज़ी से अंदर-बाहर होते हरीश जी के लंड की वजह से मेरी जांघों में थरथराहट होने लगी और मेरे पैर अपने-आप ऊपर को उठ गए।

हरीश जी रुके नहीं और तेज़ रफ्तार से मेरी चूत को चोदते रहे।
उन्होंने मेरी जांघों को अपने हाथों से पकड़ लिया और उन्हें सहलाते हुए वो मेरी चूत चोदने लगे।

उनके लंड के हर धक्के के साथ मेरा पूरा बदन हिल रहा था। उनके धक्के इतने तेज़ हो चले थे कि अब मेरी चूचियाँ ज़ोर से हिलने लगी।
हरीश जी अपनी पूरी ताकत के साथ मेरी चूत में लंड अंदर-बाहर कर रहे थे।

तभी उन्होंने अपनी रफ्तार धीमी करनी शुरु कर दी और धीरे-धीरे वो पूरा रुक गए; उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से निकाल लिया।
मुझे समझ नहीं आया और मैं उनकी ओर आश्चर्य से देखने लगी।

वो मेरी ओर देख मुस्कुराए और मेरी चूत के पास थूक दिया।
फिर वो थूक को मेरी गांड पर लगाने लगे।

अब मैं समझ गई कि मेरी गांड फटने वाली है।

उसके बाद मेरी गांड में उन्होंने एक उंगली डाल दी और धीरे-धीरे गांड में उंगली चलाने लगे।

इस दौरान मैंने जब चेहरा घुमाकर प्रिया की ओर देखा तो वो लेटी हुई थी और आँखें बंद करके तेज़ सांस ले रही थी।

हरीश जी लगातार काफी देर तक मेरी गांड में उंगली करते रहे और कई बार उसमें थूककर उसे अंदर से गीला करते रहे।
कुछ देर बाद उन्होंने एक और उंगली मेरी गांड में डाल दी और अब उनकी दो उंगलियाँ मेरी गांड में अंदर-बाहर हो रही थी।

करीब चार-पाँच मिनट तक वो मेरी गांड में उंगली करते रहे; फिर उन्होंने मेरी गांड से उंगली निकाल ली और अपने लौड़े को हाथ में लेकर मेरी गांड के छेद के सामने कर दिया।
गांड के छेद पर अपना लंड टिकाकर उन्होंने दबाव डालना शुरु कर दिया।

एक छोटे से धक्के के साथ उन्होंने अपने लंड के टोपे को मेरी गांड के अंदर डाल दिया।
मुझे बहुत ही हल्का-सा दर्द महसूस हुआ जिसे मैंने आसानी से सह लिया।

उसके बाद उन्होंने फिर से दबाव डालना शुरु कर दिया और धीरे-धीरे मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे।
कुछ ही देर में उनका आधा लंड मेरी गांड में उतर गया।

आधा लंड डालने के बाद उन्होंने लंड को थोड़ा निकाला और फिर एक झटके में दोबारा डाल दिया।

इस बार उनका लंड आधे से ज्यादा मेरी गांड में घुस गया। उनके मोटे लंड की वजह से मेरी गांड का छेद चौड़ा हो रहा था और अब उनका लंड मुझे दर्द दे रहा था।
उससे हो रहे दर्द की वजह से मेरा मुँह खुल गया और हरीश जी ने इसका फायदा उठाते हुए मुझे किस करने लगे।

मुझे किस करते हुए उन्होंने मेरी गांड अपना लंड अंदर-बाहर करना रोका नहीं … धीरे-धीरे वो मेरी गांड मारते रहे।

फिर जब किस पूरा हुआ तो वो मेरी चूची को बारी-बारी चूमने लगे और हाथ से दबाने लगे।

कुछ ही देर बाद उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ा दी और ज़ोर-ज़ोर से मेरी गांड मारने लगे।
अब उनका पूरा लंड मेरी गांड में जाने लगा था और मेरे मुँह से आहें निकलने लगी थी।
मैं आहिस्ते-आहिस्ते ‘अहह … आहह … ओहह…’ कर रही थी।

उसके बाद हरीश जी ने अपने हाथों को घुमाकर मेरे कंधे पकड़ लिए, अपना पूरा शरीर मेरे शरीर से चिपका लिया और तेज़ रफ्तार से मेरी गांड मारने लगे।

मेरे पैर ऊपर की ओर उठ गए और हरीश जी मेरे पैरों के बीच में, मेरी गांड में लंड डाले हुए मुझे किसी सस्ती रंडी की तरह चोदने लगे।
गांड में होते लंड के हर वार के साथ मेरी जांघें थर्रा उठती और मेरे मुँह से तेज़ सिसकारी की बौछार होती।

ये सिलसिला बहुत देर तक चला।

हरीश जी का स्टेमिना बहुत अधिक था। उन्होंने लगातार दस मिनट से भी ज्यादा देर तक मेरी गांड मारी थी।

उसके बाद जब उनके झड़ने का वक्त करीब आया तो उन्होंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी और फुल स्पीड में मेरी गांड मारने लगे।

एक मिनट के अंदर ही उन्होंने मेरी गांड के अंदर अपने वीर्य की वर्षा करनी शुरु कर दी।
वीर्य निकालते हुए भी वो लगातार गांड में लंड अंदर-बाहर करते रहे और जब तक वीर्य का आखिरी बूँद मेरी गांड में नहीं गिरी, उन्होंने मेरा गांड मारना बंद नहीं किया।

सारा वीर्य मेरी गांड में डाल देने के बाद उन्होंने अपना लंड मेरी गांड से निकाला और मेरी दूसरी ओर लुढ़क कर लेट गए और आराम करने लगे।

उनका वीर्य काफी गाढ़ा था जो कि मुझे मेरी गांड से बहता हुआ महसूस हो रहा था।
मैं भी इस ज़ोरदार गांड चुदाई के बाद थक चुकी थी और तेज़ सांस ले रही थी।

मेरे पास लेटी प्रिया तो सो ही गई थी।

करीब आधे घंटे तक हम आराम करते रहे। इस बीच मुझे भी नींद आने लगी थी।

लेकिन मैं सोती, उससे पहले ही हरीश जी ने मुझे जगा दिया और प्रिया को भी जगाया।
मैंने देखा कि तब दोपहर के ढाई बज चुके थे।

हरीश जी ने हमसे कहा- चलो, खाना खा लेते हैं।
हम सब तब तक नंगे ही थे।

मैं और प्रिया बिस्तर से उतरी। मैं अपने कपड़े ढूंढने लगी लेकिन मुझे याद आया कि वो तो हॉल में ही रह गये हैं, मैं तो नंगी ही कमरे में आई थी।

प्रिया बाहर खाना लाने जा रही थी तो मैं भी उसके साथ जाने लगी।

उसने मुझसे पूछा- तुम कहां जा रही हो?
मैंने कहा- अपने कपड़े लेने।
तो उसने कहा- अभी कपड़े पहनकर क्या करोगी, ऐसे ही रहो। खाने के बाद दूसरा राउंड भी तो होना है। हरीश जी का इतने से मन नहीं भरा है।

मैंने भी सोचा कि कपड़े पहनने का क्या फायदा जब दोबारा उतरने ही हैं।

अपनी बात कहकर प्रिया कमरे से निकल गई।

तभी हरीश जी ने पीछे से मुझे पकड़ लिया और मेरे गाल और गर्दन कर किस करने लगे। उनका हाथ कभी मेरे पेट पर चल रहा था तो कभी मेरी चूचियों के साथ खेल रहा था।

कुछ देर तक खड़े-खड़े मज़े लेने के बाद उन्होंने मुझे अपनी गोद में उठा लिया और ले जाकर बिस्तर पर पटक दिया।
फिर वो भी मेरे साथ बिस्तर पर लेट गए।

वो मेरे ज़िस्म पर हाथ फिराते हुए बात करने लगे।
बात क्या … वो तो बस मेरे ज़िस्म की तारीफ करने लगे।

कभी मेरी चूची को हाथ से दबाते हुए उनकी तारीफ करते, कभी पेट की, तो कभी मेरी चूत और गांड पर हाथ चलाते हुए उनकी तारीफ करने लगते।

थोड़ी ही देर में प्रिया खाना लेकर आ गई।
उसने कमरे में रखे एक टेबल पर खाना लगाया और तीन कुर्सी भी लगा दी।

हम तीनों ने वैसे ही नंगे रहकर खाना खाया।
फिर हमने कमरे में ही बने बाथरूम में हाथ धोये और प्रिया, खाने के बर्तन समेटकर रखने चली गई।

उसके जाते ही हरीश जी ने मुझे फिर से दबोच लिया और वो ज़ोर-ज़ोर से मेरी चूचियों को दबाने लगे; फिर उन्होंने चूचियों को मुँह में लेकर चूसना शुरु कर दिया।
कुछ देर मेरी चूचियों को चूसने के बाद उन्होंने मुझे किस किया और उसके बाद मुझे नीचे बैठा दिया।

मैं ज़मीन पर घुटने के बल बैठ गई और हरीश जी का लंड अपने हाथ में ले लिया।
शुरु में तो उनके लंड को हाथ से सहलाती रही और फिर टोपे को जीभ से चाटने लगी।
फिर मैंने टोपे को होंठों से चूसना चालू कर दिया।

तभी प्रिया भी आ गई और मेरे बाजू में बैठ गई।
उसने पहले मेरी एक चूची दबाकर मेरी ओर हंसकर देखा, मानो कह रहो हो- क्यों, इतनी जल्दी थी लंड चूसने की जो मेरे लिए भी न रुक पाई?

मैंने भी लौड़ा मुँह में डाले हुए ही मुस्कुरा दिया और फिर से लौड़ा चूसने लगी।
हरीश जी का पूरा लंड मैंने अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी।

प्रिया नीचे से लंड की गोटियों को चूसने लगी। इससे हरीश जी को परमसुख की अनुभूति होने लगी और वो आहें भरने लगे।

काफी देर तक हम दोनों ने मिलकर हरीश जी का लंड चूसा और लंड को पूरा गीला कर दिया।

उसके बाद उन्होंने हम दोनों को बिस्तर पर चढ़ाया और घोड़ी बना दिया।
हमारी गांड उठी हुई बिस्तर के किनारे पर थी जहां पर हरीश जी का लंबा लंड ठीक सामने हमारी गांड को सलामी दे रहा था।

हरीश जी ने पहले प्रिया की गांड को पकड़ा, उस पर थूका और लंड सेट करके एक ही झटके में आधा लंड अंदर कर दिया।
प्रिया ज़ोर से चीख पड़ी मानो उसकी गांड की साल टूटी हो।

मैंने उसे चुप कराने के लिए फौरन उसके होंठों को अपने होंठों से दबा दिया। मैं उसका सिर पकड़कर उसे ज़ोर से किस करने लगी जिससे उसकी आवाज़ दब गई।

हरीश जी ने भी उसे आराम देने के लिए रुक गए और अपने हाथ आगे लाकर उसकी चूची दबाने लगे।
कुछ ही देर में वो शांत हो गई।

उसके शांत होते ही हरीश जी ने उसकी गांड में धीरे-धीरे लंड अंदर-बाहर करने लगे।
प्रिया के चेहरे पर अब संतुष्टि के भाव थे और अब उसे गांड मरवाने में मज़ा आने लगा था।
वो आहें भरने लगी।

लंड के धक्कों की वजह से उसकी चूचियाँ हिलने लगी।
मैं उसकी हिलती चूचियों को सहलाने लगी।
वो आहें भरती हुई अपनी गांड मरवाती रही।

हरीश जी करीब 8-10 मिनट तक प्रिया की गांड मारते रहे।

उसके बाद उन्होंने मेरी गांड पकड़ी और मेरी गांड में अपना लंड डालने लगे।
कुछ ही देर में उनका पूरा लंड मेरी गांड में घुस गया और वो मेरी गांड मारने लगे।

काफी देर तक घोड़ी बनाकर चोदने के बाद उन्होंने मुझे पकड़कर पलट दिया और मैं पीठ के बल हो गई।
फिर उन्होंने मेरी चूत में लंड डाल मेरी चूत चोदने लगे।

प्रिया भी तब सीधी हो गई और वो मेरी चूचियों को दबाने और सहलाने लगी और कभी-कभी किस भी करने लगी।

मेरी चूत चोदने के बाद हरीश जी ने प्रिया की भी चूत चोदी और उसे पूरी तरह तृप्त करके छोड़ा।

प्रिया की चूत चोदते हुए उनका लंड अपना वीर्य दोबारा बहाने के लिए तैयार हो गया। वो ज़ोर-ज़ोर से प्रिया की चूत को चोदने लगे।

वो तेज़ सिसकारियाँ लेने लगी और हरीश जी से रुकने की मिन्नतें करने लगी मगर हरीश जी रुके नहीं।
करीब दो मिनट तक प्रिया की हालत खराब करने के बाद हरीश जी अपना लंड प्रिया की चूत से बाहर निकाला।

उन्होंने हमें फिर से ज़मीन पर अपने लंड के नीचे बैठा दिया और लंड पर तेज़ी से मुट्ठ मारने लगे।
कुछ ही देर में उनके लंड की नसें फूलने लगी और उनका लंड वीर्य की बौछार करने को तैयार होने लगा।

फिर अचानक से उनके लौड़े ने वीर्य की धार छोड़ना शुरु कर दिया।
हरीश जी आँखें बंद करके अपने लंड से वीर्य के निकलने की सुख का आनंद लेने लगे।
उनके लंड ने एक के बाद एक वीर्य की कई धार छोड़ी जो सीधी हम दोनों के चेहरे पर आकर गिरी।

हरीश जी के लौड़े के वीर्य से हम दोनों का चेहरा सफेद और गीला हो गया।

हम दोनों ने ही पहले अपने-अपने चेहरे पर से वीर्य को उंगली से समेट-कर उंगली मुँह में डालकर चाटा और उसके बाद हम दोनों एक-दूसरे को किस करने लगी और दूसरे के चेहरे पर लगी वीर्य को जीभ से चाटने लगे।

तो इस तरह से उस दिन मेरी ज़ोरदार चुदाई हुई जिसके बाद मुझे हरीश जी ने मुझे बहुत अच्छी रकम भी दी और साथ ही दोबारा बुलाने की बात भी कही।

आपको मेरी हॉट रंडी सेक्स स्टोरी कैसी लगी? मेल और कमेंट्स करके मुझे जरूर बताइयेगा।
[email protected]



sagi bahan ki chut chodi sex storieschut.lelo.kahani.Maa ko jabardasti bur coda kahanibibi ki penis chat ne ki kahanibibi ki chudai dost se storyHindi sex stories chut storiybur cudai khanikhet ganv me chudai sex storyBlue film हिन्दी कहानीwww.moma sex khneचुत कहानी/family-sex-stories/bahu-sasur-ki-chudai-2/कछा आठ की महिला अध्यापक गांड़ मरयी स्टोरीxxx story hindi me maa ke sath photo/gay-sex-story-hindi/gand-marwane-ki-kahani/chodai ki kahani/family-sex-stories/mama-bhanji-bur-chudai-2/bhabi ki chudai storyCHACHI KO BETE NE CHODA HINDI STORYgandi samuhik chudai story in Hindiससूर बहू की चोदाई कहानी सुनाओमोटीआटीकी सेक्स कहानीBehan bhai sex stories in hindi maa sexmom dad sex storySister ne mom chudai bhai kahani hindimom fisblog.Desiantarvasna meri landkhor behan ka gangbNgचाची कैसो पटाया जाये और बुर को चेदा जाये Xxxl hot buaa sex story hindhichudai threesam sex stori hindisagi mausi ki silpaik chut mari aur khoon dekhakar rone lagi kahani Aurat ke bur chodne ke kahanebhai.behan.ki.xxx.kahanixxx bahan kh gand storygadrai bahu bahu ki holi me chudaiसेक्स स्टोरी कहानीsagi pahadan bhabhi ki chudai ki storyHinde sxie khane bhan ke chudae keSexse kahani maa bete kiantarvasnaxdesi bhabi ki gand mari storyaurat ki ghand ki chodai storeगाँड मरायी और चुत चटायी चुदक कहानीलॉलीपॉप चुस सेक्सी कहानियांPadosan aunty ka jism hindi storyKamvasna jagai budhi ki with photoKamsin gaad Mar storybehan ko andhere m ghodi bna k khade khade choda storysexy choudi chadi utar beti ki storyxxx kahani chut ki chudaiलखनऊ वाली मामी की चूत कहानीBHAI BAHAN CHUDAI STORYbiwi ko sabke samne chudwaya sex storyचुत चुदाई हिँदी कहानीplus.google.com SHAS KI CHODAI KI KAHANIBus me chudai hindi sex story/family-sex-stories/desi-mausi-sex/Sax khaniyaHindi sex story sadhisudha Didi ke chudai sage bhai ne kechudai karwate pakda story hindi bahanBHUT SEX KAHANI HINDIsexy girl hawas wala girl ko chodai karne ke liye patayabua swapping sex story hindichachi ki chaudi gand chudai ki kahaniPADOS KI BAHAN SEX STORY HINDIलरकी बुर कहानी bhua ki chut phadi khet me sex storyचूत मे लन कहानीmami xxx storisexchodaikahanibhabhi/indian-sex-stories/jija-bhai-bahan-chut-4/family main sabne meri chudai ki.समधिन कि चुदाई खेत मा कहानी real sex kahanichudai khani ristome/antarvasna/college-ki-ladki-ki-sexy-kahani//video-tag/hotel-sex-video/patni gang chudai hindi storyनई चुत कहानीक्रॉस ड्रेसर सेक्स स्टोरीhot sex kahaniSex kahani gaand familyKhala ko pela antarvasnaचुत में उंगली घुसेड़ती हुई ईमेजchodai ki kahaniहिँदी सेक्स कहानियाँhindi sex story bahanxxx.kahani.hindiwww nonvegstory com khet me bhabhi ki chudaibahan sex hindi sex storybus ma new porn kahaniyapunjabi aurat ki chut sex story khet me pelagaon ka mukhiya hindi sex storyपुदि को हाथ से छुकर चोदने वाला चोदिक चोदाantarwasna futo ante ka bathrum sexdehati gaon ki desi sadi.suda.antarvasna kahani