मेरी अम्मी की सहेली ने उनको बताया कि उसका पति ठीक से चुदाई नहीं कर पाता तो उसको बच्चा नहीं हो रहा. तो मेरी अम्मी ने अपनी सहेली की चुदाई अपने भानजे से कैसे करवायी.
दोस्तो, मैं इक़रार खान अपनी कहानी
रात भर अम्मी की चुदाई का नजारा
का अगला भाग आपके लिए लेकर हाजिर हूँ
मेरी सेक्स कहानी के उस भाग में आपने पढ़ा कि कैसे अम्मी रात भर फूफा जी और उनके बेटे शकील से रात भर चुदी.
अब आगे:
यह सिलसिला ऐसे ही चलता रहा.
क़रीब 2 साल बाद फूफा जी बीमार रहने लगे इस वजह से फूफा कम आते थे लेकिन उनका बेटा शकील आता रहता था और मैं उनकी सारी बात रिकॉर्ड से सुनता था.
लेकीन फिर शकील भी अब कम आने लगा क्योंकि वो टैक्सी ड्राइवर था और शराबी भी था. उसे नयी नयी चूत मारना पसंद था. इस बात को अम्मी भी समझती थी पर उसके कम आने से अम्मी प्यासी रहने लगी थी.
इसी बीच अम्मी की जिंदगी में एक नया मोड़ आया. मेरी अम्मी की दोस्ती पड़ोस में रहने वाली एक आंटी से हो गयी जिसका नाम सुनीता था. वो अम्मी से इतना घुल मिल गयी कि अपनी सारी बातें अम्मी को बताने लगी.
सुनीता की उम्र क़रीब 32 साल थी. वो अम्मी से लम्बी थी, उसके जिस्म का साइज 36 32 38 था. सुनीता की चूचियाँ कसी हुई थी, चूतड़ काफ़ी गोल और उभरे हुए थे. उसका पति एक कंपनी में काम करता था.
उसने अम्मी को बताया कि उसको कोई बच्चा नहीं है जिसकी वजह उसका पति है. क्योंकि उसका पति उसके साथ ठीक से सेक्स नहीं कर पाता.
यह अफवाह मैंने आसपड़ोस से सुनी थी लेकिन जब उसने अम्मी को बताया तो मुझे यकीन हो गया.
मैं उन दोनों की बातें रिकॉर्ड करता था. जिसकी वजह से मुझे यह सब पता चला.
एक दिन शकील की बुकिंग हमारे घर के पास लगी तो शकील घर पर आ गया. सुनीता आंटी भी उस समय घर पर आई हुई थी. वह अम्मी के पास बैठी बातें कर रही थी.
मैं भी वहीं पर था.
शकील अंदर आया. वह अम्मी से मिला. आंटी वहीं पर बैठी रही. शकील काफी मजाक करता था जिसके चलते वह अम्मी के साथ मजाक करने लगा.
तो पास बैठी घंटी भी जोर से हंसने लगी.
आंटी काफी सेक्सी औरत थी और अच्छी चुदाई ना होने की वजह से काफी कामुक भी थी.
वो शकील को देख कर मुस्कुराने लगी और थोड़ी देर बाद उठ कर चली गई.
मैंने फोन में रिकॉर्ड ऑन किया उनके पास रख कर मैं बाहर चला गया. अम्मी और शकील बात करने लगे.
शकील अम्मी से- और सुनाओ क्या हाल है मेरी जान?
मम्मी शकील से- हाल तो बहुत बुरा है तुम्हारी जान का!
शकील- क्यों टाइम पर खुराक नहीं मिल रही क्या?
मम्मी- इसी बात का तो रोना है. तूने आना तुम क्यों कर दिया है? आता रहा कर!
शकील ने उत्तर दिया- टाइम मिलता है तो मैं आ जाता हूं. बात सारी समय की है.
पर अम्मी सारी बात समझती थी क्योंकि शकील नई चूतों का आशिक था.
शकील ने आंटी के बारे में पूछा- मामीजान, यह कौन थी?
अम्मी ने कहा- वह मेरी बहन जैसी सहेली है, बड़ी दुखी है.
शकील ने पूछा- क्यों क्या हुआ?
अम्मी ने कहा- बेचारी को कोई भी बच्चा नहीं है जिसकी वजह से काफी परेशान है.
शकील ने शायद अम्मी की जांघें मसल दी थी. शकील ने कहा- इसमें परेशान होने की क्या बात है?
अम्मी ने कहा- उसका पति उसे अच्छे से खुश नहीं कर पाता.
शकील का चेहरा चमकने लगा और उसने अम्मी से कहा- तो अच्छी बात है … नेकी और पूछ पूछ. मैं कब काम आऊंगा?
इस बात पर अम्मी हंसने लगी.
शकील ने कहा- मेरी बात करवा दे.
तो अम्मी ने मना कर दिया और कहा- खुद बात कर ले.
शकील जानता था कि अम्मी को कैसे मनाना है. उसने अम्मी की चूचियां दबा दी और अम्मी से कहा कि अगर उसका काम करेगी तो अम्मी को खुश करेगा.
इस बात पर अम्मी खुश हो गई और कहा- मैं बात करके देखूंगी. पर मेरा नाम बीच में नहीं आना चाहिए.
अम्मी का कहने का मतलब यह था कि शकील कभी सुनीता को अम्मी और शकील की चुदाई के बारे में नाम बता दे.
शकील ने कहा- ठीक है, ऐसा नहीं होगा.
उस रात शकील घर पर रुका अम्मी की चुदाई की जमकर!
जाते समय अम्मी को कहा- अगली बार कब आऊं?
तो अम्मी ने उसे परसों आने को कहा और साथ में यह भी कहा- मैं सुनीता से बात करूंगी और तुझे फोन पर बता दूँगी.
शकील सुबह चला गया और अम्मी भी काम में बिजी हो गई.
शाम की टाइम सुनीता अम्मी से मिलने आई.
सुनीता ने कहा- तुम्हारा भांजा आया हुआ था इसलिए मैं तुमसे एक बार बार मिलने नहीं आई. सोचा कि आप बिजी होंगी.
इस पर अम्मी ने सुनीता को कहा- नहीं, ऐसी बात नहीं थी. तुम आ जाती. वैसे भी वह तुम्हारी ही तारीफ कर रहा था.
यह सुन कर सुनीता हंसने लगी और कहने लगी- तुम्हारा भांजा बहुत ही ज्यादा मजाक करता है.
अम्मी ने कहा- मजाक नहीं … लगता है उसे तुम्हारा पिछवाड़ा पसंद आ गया है.
सुनीता जोर से हंस दी और अम्मी को मजाक में कहा- इस पिछवाड़े के चक्कर में तो बहुत लोग पड़े हैं.
अम्मी ने हंसते हुए कहा- तो तू शकील से चुदवा ले.
सुनीता ने कहा- नहीं, मैं शादीशुदा हूँ.
अम्मी ने कहा- तो क्या हुआ कि तुम शादीशुदा हो. और वैसे भी तुम्हें तो बच्चा चाहिए. तुम्हारा पति किसी काम का नहीं! क्यों ना तो बच्चा शकील से ही लो.
सुनीता ने यह बात टाल दी और कहा- मैं ऐसा नहीं कर सकती.
अम्मी 2 दिन तक उसे इस बात के लिए मनाती रही लेकिन वह तैयार नहीं हुई. तो अम्मी ने शकील को फोन किया और सारी बात समझाई और कहा- मैंने कोशिश कर ली. अब तो तुम ही बात करो.
शकील अगले ही दिन घर पर आ गया. अम्मी ने सुनीता से फोन किया और कहा- तुमसे मिलने कोई आया है, घर पर आ जाओ.
सुनीता समझ गई कि शकील उससे मिलने आया होगा. उसने अम्मी को कहा- मैं शाम को आऊंगी.
मेरे अब्बू देर रात को घर आते थे.
सुनीता करीब 6:00 बजे शाम को घर पर आई. कमरे में बस तीन ही लोग थे, अम्मी, शकील और सुनीता!
मैं अपना फोन रिकॉर्ड ऑन करके बाहर निकल गया क्योंकि मुझे पता था मैं यहां पर कैसी बात होने वाली है.
अम्मी ने सुनीता को कहा- आओ तुम्हारा खास मेहमान तुमसे मिलने आया है.
सुनीता इस पर हल्की सी हंस दी.
अम्मी ने कहा- तुम दोनों बैठ कर बात करो, मैं तुम्हारे लिए चाय बना कर लाती हूं.
शकील ने कहा- मामी ने तुम्हारी सारी बात बताई, तुम तैयार क्यों नहीं हो?
सुनीता ने कहा- मैं ऐसा नहीं कर सकती. अपने शौहर से दगा नहीं कर सकती!
शकील ने कहा- ऐसी शादी किस काम की जो वह तुम्हें खुश नहीं कर पाता.
तो सुनीता थोड़ी डर गई, उसने कहा- तुम्हारी मामी भी यहीं पर है. तुम थोड़ा धीरे बात करो!
इस पर शकील ने कहा- वह मेरी प्यारी मामी है, वह मुझे कुछ नहीं कहेगी.
सुनीता ने इस पर कहा- क्यों? ऐसा क्या प्यार?
शकील ने सुनीता को कहा- मैं बचपन से यहीं रहा हूं और मेरी मामी मेरी सारी बात जानती है.
इस पर सुनीता चौंक पड़ी, उसके मुंह से सीधा ही निकला- क्या वह तुम्हारी चुदाइयों के बारे में भी जानती है?
शकील थोड़ा हंसने लगा और कहा- खुद मुझसे चुदती है.
सुनीता को यकीन नहीं आया. उसने कहा- क्या बात कर रहे हो?
शकील बोला- हां, सच कह रहा हूं.
इस पर सुनीता ने कहा- अगर ऐसी बात है तो मुझे भी तुम्हारी चुदाई देखनी है क्योंकि मुझे यकीन नहीं हो रहा!
शकील ने कहा- मैं तुम्हें भरोसा तो दिला दूंगा लेकिन तुम्हें मेरे साथ सोना होगा?
इस पर सुनीता ने कहा- ठीक है … लेकिन पहले मुझे भरोसा दिलाओ.
अम्मी कुछ देर बाद चाय लेकर अंदर आ गई. सर्दियों के दिन होने की वजह से अम्मी अपनी बेड पर रजाई में बैठी थी तो शकील भी उसी रजाई में बैठ गया.
सुनीता साइड में सोफे पर बैठी थी.
शकील ने सुनीता की तरफ आंख मारी और कहा- ज्यादा सर्दी है, तुम भी यहां आ जाओ.
अम्मी ने भी उसे रजाई में आने को कहा.
सुनीता बिना किसी आनाकानी के रजाई में आ गई. अब तीनों क्रमवार बैठे हुए थे पहले सुनीता, फिर शकील उसके बाद अम्मी.
अम्मी और शकील का एक एक हाथ रजाई के अंदर था. शकील ने अम्मी का हाथ पकड़ा, अपने लंड को रजाई के अंदर ही बाहर निकला और अम्मी के हाथ में थमा दिया.
और अपना हाथ अम्मी जाँघों पर फिराने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने सुनीता का हाथ पकड़ा और अपने लंड की तरफ लेकर गया. अम्मी शकील का लंड सहला रही थी. सुनीता का हाथ अम्मी के हाथ के ऊपर था.
सुनीता आप समझ चुकी थी कि अम्मी शकील के लंड की गुलाम है.
और शकील ने अपने दोनों हाथ बाहर निकाल लिए.
दोनों ही चौंक गई.
अम्मी शकील की तरफ गुस्से में देखने लगी और सुनीता हंसने लगी.
इस पर शकील ने अम्मी को आंख मारी और हंसने लगा.
उसने अपनी मामी की कमर में हाथ डाल और कहा- मेरी जान, इसको सब पता है. इसने यह शर्त रखी थी कि कि तुम अपनी मामी और अपनी चुदाई की बातों का यकीन दिलाओ. तब जाकर मैं तुम्हारा साथ दूंगी. वैसे भी सुनीता तो तुम्हारी बहन की तरह ही है.
इस पर सुनीता हंसती और कहा- हमारा भांजा हम दोनों बहनों को चोद देगा.
अम्मी भी नॉर्मल हो गई और कहा- यह चोदता नहीं, भोसड़ा बना देता है.
तो सुनीता ने हंसकर कहा- हमें भी तो ऐसा ही लंड चाहिए.
सुनीता को शकील के लंड का अंदाजा हो गया था.
शकील ने सुनीता को कहा- अब तुम्हें अपना वादा पूरा करना होगा.
सुनीता ने कहा- ठीक है, आज मेरे पति की नाइट ड्यूटी हैं तभी तो मैं तुम्हारे बुलाने पर आ गई थी.
तो उस पर अम्मी ने कहा- तुम आज यहीं पर सो जाना.
सुनीता ने फोन मिलाया और अपने पति को कहा- मैं आज इकरार के घर पर सो जाती हूं क्योंकि अकेले में मुझे डर लगता है.
उसके पति ने हां कर दी जिस पर शकील काफी खुश हो गया.
और अम्मी ने भी एक राहत की सांस ली क्योंकि अम्मी को पता था कि शकील अब सुनीता के चक्कर में बार-बार घर आया करेगा. सुनीता की चुदाई के साथ-साथ मुझे भी लंड मिलेगा.
शाम को सबने खाना खाया. अब्बू दूसरे कमरे में सो गये.
मैंने रिकॉर्ड सेट किया और सोने का नाटक करने लगा.
अम्मी और शकील एक बेड पर सो रहे थे. वहीं दूसरा छोटा बेड उस कमरे में था जिस पर सुनीता लेटी हुई थी.
सर्दी की रातें थी. 11:00 बजे उन्हें लगा कि सब सो गए.
तो अम्मी उठी, उन्होंने सुनीता से कहा- इसी बेड पर आ जाओ.
सुनीता मुस्कुराकर अम्मी के बेड पर आ गई. तीनों एक ही बेड पर थे.
शकील की लोअर पहले से ही नीचे थी, उसका लंड अम्मी के हाथों में था. सुनीता को यह बात पता थी जिसकी वजह से वह सीधी उनके राइट साइड आके लेट गयी.
अम्मी ने शकील का लंड सहलाते हुए कहा- आज मेरी बहन की सुहागरात है शकील! इसे बुरी तरह से चोदना.
शकील ने हंसते हुए कहा- तुम मेरा लंड कई बार खा चुकी हो, मैं हर बार तुम्हें रंडी की तरह चोदता हूं.
सुनीता यह बात सुनकर काफी गर्म हो गई और शकील से चिपक गई.
शकील ने उसके चूतड़ मसल दिए और सुनीता की सलवार का नाड़ा खोल दिया. वहीं अम्मी ने भी अपनी सलवार रजाई में उतार दी.
शकील ने सारे कपड़े उतारे और नंगा होकर दोनों के बीच में लेट गया.
उसने कहा- तुम दोनों नंगी हो जाओ. जिस पर अम्मी उठी और अपना कमीज उतार दिया.
सुनीता की हिम्मत नहीं हो रही थी. अम्मी उठी और सुनीता को उठाकर उसका कमीज निकाल दिया. सुनीता एकदम नई दुल्हन की तरह लग रही थी कसी चूचियां गोल चूतड़!
शकील ने अम्मी की गर्दन को पकड़ा और अपना लंड उनके मुंह में डाल दिया और सुनीता को होठों पर किस करने लगा.
5 मिनट तक दोनों ने एक दूसरे को अच्छी तरह से चूसा.
उसके बाद सुनीता उठी और अपनी पेंटी निकाल दी और शकील के मुंह पर बैठ गई.
अम्मी यह देख कर हैरान हो गई क्योंकि कभी शकील ने उनकी चूत को नहीं चाटा था.
कुछ देर चूत चाटने के बाद अम्मी ने शकील का लंड मुंह से निकाला और सुनीता को नीचे लेटा दिया. सुनीता ने अपनी दोनों टांगें फैला दी.
शकील उसके ऊपर आ गया और उसकी चूत में अपना लंड रगड़ने लगा.
सुनीता आंख बंद करके सिसकारियां भर रही थी. सुनीता की चूत काफी छोटी थी क्योंकि उसके पति का लंड कितना बड़ा नहीं था और ना ही अच्छे से चोदता था.
अम्मी ने यह बात मानी थी, उन्होंने अलमारी से तेल की बोतल निकाली और सुनीता की चूत पर लगा दी.
शकील का लंड पहले ही अम्मी ने चूस चूस कर गीला कर रखा था. शकील ने एक झटके से पूरा लंड सुनीता की चूत में उतार दिया.
सुनीता चिल्लाने लगी. अम्मी ने उसका मुंह बंद कर दिया.
थोड़ी देर बाद उसकी चीखें सिसकारियों में बदल गई.
शकील ने सुनीता की चूत 20 मिनट तक मारी.
उसके बाद अम्मी का नंबर था.
अम्मी ने खूब सा तेल गांड पर लगाया और शकील के सामने घोड़ी बन गई. शकील ने अपना थूक अपने लंड पर लगाया.
इतने में सुनीता उठी और वह अम्मी को देखने लगी और चौंक कर बोली- अगर कोई मेरी गांड मार ले मैं तो मर जाऊंगी.
शकील ने हंसते हुए कहा- मेरी मामी बहुत बड़ी खिलाड़ी है. इसको अपनी गांड मरवाने में ज्यादा मजा आता है. सुनीता तुम बस देखती जाओ कि यह कैसे मुझसे अपनी गांड का बाजा बजवाती है.
एक झटके में शकील ने पूरा लंड अम्मी की गांड में उतार दिया. अम्मी दर्द के मारे चीखने लगी.
थोड़ी देर बाद दर्द कम हो जाने की वजह से अम्मी गांड उठा उठा कर शकील से अपनी गांड चुदवा रही थी. यह खेल ऐसे ही रात भर चलता रहा.
पूरी रात में सुनीता की तीन बार चुदाई हुई और अम्मी की गांड और चूत सिर्फ एक एक बार मारी.
सुबह की 2:30 बज चुके थे. सुनीता आंटी अपने बेड पर जाकर सो गई थी लेकिन अम्मी और शकील दोनों अभी जाग रहे थे.
शकील ने अम्मी से कहा- तुम्हारी बहन तो थक कर सो चुकी है.
इस पर अम्मी हंसती हुई बोली- उसे क्या पता तुम्हारी चुदाई का जलवा … तुम घोड़े जैसे चोदते हो! वो अभी नई-नई है, धीरे-धीरे उसे भी आदत पड़ जाएगी तुम्हारी चुदाई की! पर शकील तुम बहुत बहन के लोड़े हो. तूने मेरी गांड के साथ साथ सुनीता की चूत को भी उधेड़ कर रख दिया.
शकील जोश में आ गया और अम्मी की चूतड़ों पर एक जोरदार तमाचा मारा. अम्मी कभी गाली नहीं देती थी. यह शायद पहली बार था जब अम्मी के मुंह से गंदी गंदी गालियां निकल रही थी हवस में.
जोश में आकर शकील ने कहा- जब तेरी जैसी रंडी यार हो तो फिर चूतों की कमी थोड़ी होती है.
इस पर अम्मी जोश में आ गई और शकील की लंड पर हाथ फेर कर बोली- चल तो इस रंडी को एक बार और चोद दे.
शकील ने अपना लंड बाहर निकाल कर अम्मी की गले में उतार दिया जिसकी वजह से इनकी सांस तक रुक गई.
लंड पर ढेर सारा थूक लगा था. शकील अपना लंड अम्मी की गांड में रगड़ना शुरु किया और आराम आराम से गांड की गहराई में उतार दिया. अम्मी ने एक गहरी सिसकारी ली और अपने कूल्हों को शकील को सौंप दिया.
इस चुदाई के बाद अम्मी और शकील दोनों सो गये.
सुबह जब शकील जाने को हुआ तो अम्मी ने शकील से कहा- सुनीता, तुम्हें एक बार बात करने के लिए अंदर बुला रही है.
शकील अंदर आया और सुनीता ने उसे कहा- मुझे बच्चा चाहिए. तो तुम जल्दी जल्दी आया करो.
तो शकील ने वादा किया- मैं तुमको जरूर प्रेग्नेंट करूंगा और अपनी मामी की भी जमकर चुदाई करूंगा.
इतना कहकर शकील चला गया.
अम्मी ने सुनीता को गले लगाया और और गाल पर एक जोरदार चुंबन किया व कहा- मुबारक हो, यह तुम्हारी सुहागरात थी.
सुनीता ने अम्मी की गांड पर हाथ फेरते हुए कहा- तुम्हारी गांड की वजह से मुझे चुदाई का मौका मिला है, धन्यवाद.
कहानी पढ़ने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया. आपके बहुत सारे मेल्स मुझे मिले जिसके लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया.
आपकी मेल्स ने मेरा हौसला बढ़ाया. और आशा करता हूं कि आगे भी ऐसे ही मेरा हौसला बढ़ाते रहो.
धन्यवाद.
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