मेरी जिन्दगी की हसीन दास्तान- 1

मेरी लव सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरी मुलाक़ात एक हसीं लड़की से हुई. मैं उसे चाहने लगा. पर मेरी एक दोस्त मेरे रूम पर आ गयी वो मुझ पर मरती थी.

रात के 2:30 बजे थे, अकेला मैं अपनी कार चला रहा था और कुछ यादें दिमाग में दौड़ रही थीं. मेरी ज़िन्दगी भी कितनी मिलती थी. इस खाली सड़क के साथ, ना कोई रुकने का ठिकाना था, ना कोई हमसफ़र ही था. सिर्फ और सिर्फ मैं … और सफर, जो कभी रुकता नहीं था.

हां लेकिन इस सफर में मुझे कुछ हसीन पल भी मिले थे. और कुछ हसीन दास्तान भी मेरी जिंदगी में हुई थीं.

लो यारो, फिर से उसकी याद आ गयी, जिसको मैं अभी अभी पीछे छोड़ कर आया था. सब कुछ तोड़कर छोड़कर हमेशा के लिए छोड़ आया था.

अब उसकी याद आ ही गयी है, तो चलो मेरी जिंदगी की मैं आपको वो दास्तान लव सेक्स स्टोरी सुनाता हूँ, जो ज़िन्दगी भर एक साये की तरह मेरे साथ चलती आई है.

बीटेक के दूसरे साल की बात है. सारे हरामी दोस्त पार्किंग में बैठे थे. आदी (आदित्य), संजय और मैं, ये हम लोगों का ग्रुप था.

ये बात तो पता नहीं कि हमारे अन्दर की किस बात का गुरूर होता था. हम सब एक अलग ही दुनिया में जीते थे. मस्ती करना, क्लास बंक करना, पार्किंग में बैठे रहना और सबसे बड़ा काम लड़कियों को ताड़ते रहना. यही सब करते करते एक साल कब खत्म हो गया, पता ही नहीं चला.

वो कॉलेज का पहला दिन था, मैं अपनी बाइक पर बैठ कर कॉलेज गेट से अन्दर आया और पार्किंग की तरफ बड़ा ही था कि तभी आदी जोर से चिल्लाया- गुरू इधर इधर … इस साइड आ जा.

उसकी आवाज से मेरा ध्यान भटका और मैं आदी की तरफ देखने लगा ही था कि अचानक से मेरी बाइक एक स्कूटी से जा टकराई और मैं नीचे गिर गया.

‘अबे कौन है बे बहनचोद..’
ये शब्द मेरे मुँह से निकल गए. मैं उठने की कोशिश करते हुए सामने कौन है, ये देख रहा था, तभी वो दिखी.

मेरे सामने एक हुस्न की परी थी, जो आगे जाकर मेरे दिल की धड़कन बनने वाली थी.

उसके पैरों में हाई हील की सैंडल, उसके ऊपर छन छन करने वाले पायलें, उसके ऊपर धीरे धीरे मुझे सब कुछ नजर जाने लगा. सफ़ेद फिट लैंगिंग्स, जो उसकी टांगों से ऐसी चिपकी थीं. जैसे उसके पैर और लैंगिंग्स एक ही हैं. एक लंबे से काले रंग की स्किन फिट कुर्ती, जो उसकी घुटने तक आई थी. उसकी कमर मानो नागिन की तरह पतली थी.

मेरी नज़र थोड़ी सी और ऊपर को गई, तो वो दिखी.
आह … जैसे एक वीरान रेगिस्तान में भगवान ने दो बड़े बड़े पर्वत शिखर एक के साथ एक अगल बगल में रख दिए हों. वैसे ही उसके वो दो बड़े बड़े चूचे थे. उस हुस्न परी की वो तनी हुई चूचियां उसके हुस्न को और भी मस्त बना रही थीं.

मेरी नजरें उसकी स्तनों पर ही आकर रुक गई थीं. मैं अपना सब कुछ भूल कर उसकी खूबसूरत जवानी में खो गया था.

‘महक … महक … तू ठीक तो है ना?’
इस आवाज से मेरा ध्यान टूटा, जो उस हुस्न परी के सीने पर नजरों में गड़ा हुआ था. मैं उसका चेहरा देखना चाहता था, तभी मेरे दोस्तों ने मुझे उठाया और मेरी एक नजर उसके चेहरे पर जा पड़ी.

क्या गजब की खूबसूरत थी वो … रेशम जैसे लम्बे लम्बे बाल, जो उसकी कमर तक आ रहे थे.

थोड़ा गुस्से में तो थोड़ी शर्मीली नजर से शायद वो मुझसे पूछ रही थी कि ये तूने क्या किया.

लाइट रेड कलर की लिपस्टिक उसके होंठों पर ऐसे लग रही थी, जैसे अभी ही आगे बढ़ कर इसके रसीले होंठों को चूम लूं. एक काला सा छोटा सा तिल उसकी गर्दन पर उसकी खूबसूरती को और भी बढ़ा रहा था.

उसका नाम महक … वाह उसका तो क्या कहना. महक नाम लेते ही दिल में एक अजीब सी फीलिंग आने लगी थी. महक की उम्र लगभग बाईस साल की थी, पर दिखती वो बहुत कम उम्र की थी.

महक की फिगर का साइज तो पता नहीं चला … लेकिन इतना जरूर पता चल रहा था कि उसकी बॉडी एक परफेक्ट शेप में ढली हुई थी. एक ही पल में मैं उसके हुस्न और उसकी अदा का दीवाना हो गया था.

“अगर लड़की को ताड़ने का खत्म हो गया हो, तो उसकी हेल्प भी करोगे?” संजय ने मुस्कुराते हुए कहा.

आदी ने मेरी बाइक को खड़ा किया … तो संजय और मैंने उसका खूबसूरत बला की स्कूटी को खड़ा किया. मैंने अपना हाथ आगे बढ़ाकर उसको उठाने के लिए दिया, तो वो ग़ुस्से में मेरे हाथ की बजाए अपनी सहेली रीमा का सहारा लेते हुए उठ गयी.

अगले ही पल ने रीमा की स्कूटी स्टार्ट कर दी और महक उचक कर पीछे बैठ गयी.

महक बिना कुछ बोले निकल रही थी … इससे मुझे थोड़ा बुरा लगा. मैं उसको देखते ही रह गया. लेकिन ये क्या, वो थोड़ा सा आगे जाते ही पीछे घूम गयी और मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा दी.

हाय उसकी ये कटीली स्माइल … आह बस उस वक्त दिल में एक ही ख्याल आया कि जानेजाना मेरे दिल की धड़कन सिर्फ तुम ही हो महक..

रात के 9 बजे मेरे फ्लैट की डोरबेल बजी. आदी जो मेरा फ़्लैटमेट था, उसने जाकर दरवाज़ा खोला, तो सामने दिशा खड़ी थी.

अन्दर आते ही दिशा ने आदी को गले लगा लिया और पूछा- गुरू क्या कर रहा है?
‘तुझे याद करते हुए ही अपने रूम में पड़ा होगा … जा चली जा उसके पास..’ आदी ने बोला.

दिशा मेरे रूम में आयी, मैं बेड पर पड़ा था. वो आते ही मेरे ऊपर चढ़ गयी.

लेकिन दोस्तो, ये दिशा कौन है, आपको ये कंफ्यूजन हो रहा होगा.
तो मैं आपको बता दूं कि दिशा मुझ पर मरती थी. लेकिन मैं उसको ज्यादा सीरियस नहीं लेता था. दिशा मेरी फर्स्ट ईयर की गर्लफ्रेंड थी, जिसको मैंने ऐसे ही दोस्तों में चैलेन्ज के चलते पटा लिया था. दिशा दिखने में काफी अच्छी थी … लेकिन मुझे उसकी उभरी हुई गांड बहुत अच्छी लगती थी. दिशा की बात करूं तो बस वो एक खूबसूरत लड़की के साथ साथ सेक्स बॉम्ब भी थी. उसके चूचे भी बड़े बड़े थे, जिनको मैं जब चाहे मसल देता था.

दिशा मेरे पीछे पागल थी. मुझे कुछ भी जरूरत पड़ती, तो वो सब कुछ काम कर देती थी.

मैं बेड पर पड़ा था और दिशा मेरे ऊपर चढ़ कर बैठ गयी.

‘क्या हुआ जानू … आज अपनी दिशा की याद नहीं आई क्या?’ दिशा इठला कर बोली.
‘तेरे याद में मेरा लंड तड़प उठता है मेरी जान!’ मैं बोला.
‘फिर क्यों ना इस तड़पते हुए लंड को मैं शांत कर दूं!’ दिशा बोली.
‘फिर देर किस बात की, शुरू हो जाओ मेरी रानी.’ मैं बोला.

इतना सुनते ही दिशा मेरे ऊपर टूट पड़ी. उसने अपना नर्म नर्म होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और धीरे धीरे मेरे होंठों को चूसने लगी.

दिशा मेरे पेट के ऊपर बैठी थी और मेरे होंठों को अपने होंठों से स्मूच कर रही थी. मैंने अपने दोनों हाथ दिशा की कमर पर रखे हुए थे.

फिर दिशा में रोमांस का नशा चढ़ने लगा और अब वो जोर जोर से मेरे होंठों को चूमने लगी. फिर धीरे से वो मेरी शर्ट के बटन खोलने लगी. मैं अपना हाथ दिशा की कमर के अन्दर डाल दिए और धीरे से उसके टॉप को ऊपर उठाने लगा. उसका वो नीला टॉप निकलते ही उसकी बड़ी बड़ी चूचियां ब्रा में कैद सामने जनर आने लगीं.

अब मैं बिना शर्ट के था और दिशा टॉपलैस थी.
‘हाय दिशू डार्लिंग … तेरे बूब्स को ना ही ये लाल ब्रा संभाल पाती है, ना ही हम.’
इतना कहते ही मैंने उसके बड़े बड़े चूचों को ब्रा के ऊपर से ही पकड़ लिया.

‘रूको मेरे राजा … पहले मेरे इन पंछियों को आज़ाद तो कर दो, फिर इन पर टूट पड़ना.’

दिशा की ये बातें सुनते ही मैंने उसकी लाल ब्रा का हुक खोल दिया. मैंने देर न करते हुए उसकी एक चूची को हाथ में पकड़ लिया और दूसरे दूध को मुँह में भर लिया. मैं बहुत मजे से उसका दूध पी रहा था. उसके मस्त मस्त निप्पलों को काट रहा था. उसकी चूचियों को मैं अपने मुँह में बारी बारी से डाल कर चूसने लगा था, काटने लगा था.

‘अहहाहां गुरू अहहाआआं … काटो मत ना मेरे दूधों को … तुम्हारे तो ही हैं ये सब … आंह लगती है मेरी जान … धीरे चूसो न.’
दिशा की आवाज में वासना का नशा था.

अब दिशा खड़ी हो गई और अपनी स्किन फिट लैंगिंग्स को उतारने लगी.

मैं बेड पर पड़ा पड़ा उसको देख रहा था. उफ़ साली क्या गर्म सेक्सी माल थी.

फिर उसने मुझे नशीली आंखों से देखते हुए अपनी पैंटी भी उतार दी. मैं उस चिकनी चूत को देखते ही रह गया. दिशा हमेशा अपनी चूत को क्लीन रखा करती थी क्योंकि मुझे हमेशा चिकनी चूत ही पसंद थी.

मैं बेड पर पड़ा था, तो वो मेरे ऊपर आ गयी और बोली- डियर आज तुम इस चूत को चख कर मजा दो ना!
दिशा इतने मादक स्वर में बोली कि मेरा मन भी उसकी चूत चूसने का हो गया.

अपनी बात कहकर उसने अपनी चूत को मेरे मुँह पर रख दिया. मैं बड़े प्यार से उसकी चूत को अपने होंठों से टच करने लगा. अपना जीभ निकालकर उसकी चूत के दाने के साथ खेलने लगा.

दिशा फुल सेक्सी मूड में आ गयी थी. अब वो अपनी चूत को मेरे मुँह के अन्दर डाल रही थी और मैं मजे से उसकी चूत को चाट रहा था. मैंने अपना हाथ दिशा के पिछवाड़े पर रख दिया था. मेरे मुँह में उसकी चूत और मेरे हाथ में उसकी सॉफ्ट सॉफ्ट गांड की पहाड़ियां थीं, जिनको मैं जोर जोर से दबा रहा था.

फिर उसकी मखमली चूत की फांकों को मैंने अपने उंगलियों से थोड़ा अलग कर दिया और उसकी चूत की गहराई में अपनी जीभ डालकर चूसने लग गया.

दिशा मेरे चूत चाटने से ज्यादा ही कामुक हो गयी थी और वो ये सब ज्यादा देर तक बर्दाश्त नहीं कर पायी और उसने अपना कामरस छोड़ दिया.

अब मुझसे भी रहा नहीं जा रहा था. मेरा लंड टाइट होकर तम्बू बन गया था. दिशा अब बेड पर खड़ी हो गयी और कहने लगी- आज मैं तुम्हें ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सुख दूंगी.

ये कहकर दिशा मेरे पैरों के पास चली गयी. उसने मेरे दोनों पैरों को अलग कर दिया और नीचे बैठ गई. दिशा ने धीरे से मेरी कमर पर पकड़ा और नीचे आने लगी. मैंने जो अंडरवियर पहन रखा था, उसको उसने नीचे सरका दिया.

अंडरवियर हटते ही मैं पूरा नंगा हो गया था. उसने मजे से अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ लिया और लंड के टोपे पर अपने होंठ रख दिए. मैं उसके नाजुक होंठों का स्पर्श पाकर एकदम से सिसक गया और मेरी आंखें बंद हो गयी.

दिशा मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने में लग गयी. मेरा पूरा लंड उसके मुँह में घुस गया और वो मजे से लंड को चूस रही थी.

कुछ देर लंड को चाटने के बाद दिशा ने अपना मुँह खोला और अब वो मेरी गोटियों को अपने मुँह में लेके चूसने में लग गयी.

गजब की लंड चूसती थी वो … मानो साली ने लंड चूसने में पीएचडी कर रखी थी.

लंड चुसाई का मजा देने के बाद वो खड़ी हो गयी और मेरे ऊपर पेट पर बैठ गयी.
मैं नीचे पड़ा रहा.

इसके बाद दिशा ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और अपने हाथ से अपनी चूत की फांकों में रख दिया. मेरा लंड उसकी चूत में सरकने लगा. वो भी अपनी गांड का वजन मेरे लंड पर रखते हुए लंड के ऊपर बैठ गयी.
मेरा आधा लंड दिशा की चूत में घुस गया, तो दर्द के कारण वो रुक गयी लेकिन मैं नहीं रुका. मैंने उसी समय नीचे से अपनी कमर उठा कर पूरा लंड चूत में घुसा दिया.

दिशा चिल्लाई- आ..अहा गुरू धीरे से!
लेकिन मैं नहीं रुका … अपना लंड चूत में घुसाता रहा.

कुछ देर बाद दिशा को भी मजा आने लगा था. मैंने अपना हाथ दिशा की मखमली गांड के ऊपर रख दिया और उसे मसलने लगा. उधर दिशा मेरे लंड पर कूदने लगी और मजे लेने लगी.

मैंने अपना एक हाथ दिशा की गांड की दरार में लगाया और एक उंगली दिशा की गांड के छेद में घुसा दी. दिशा चिल्ला पड़ी- उन्हह … क्या कर रहे हो? मजा खराब मत करो.

मगर मैं नहीं रुका और उसने भी अपनी गांड में मेरी उंगली को झेल लिया.

मैं काउगर्ल की पोजीशन में उसको धकापेल चोद रहा था. उसकी चूत में मेरा लंड, गांड में उंगली और मेरे होंठों पर दिशा के सॉफ्ट होंठ थे. वो मेरे ऊपर थी और मैं नीचे से उसे चोद रहा था.

‘अहहा अहा गुरू और जोर से … आह और जोर से..’
उसकी मादक आवाजें मुझे और कामुक बना रही थीं और मैं उसकी कूल्हों पर चमाट मारते हुए उसको पेल रहा था.

करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद वो मेरे ऊपर से उठ गयी, लेकिन मैं बेड के ऊपर ही पड़ा रहा.

अब वो घूम गयी. उसने मेरे लंड की तरफ अपनी गांड का छेद कर दिया और मेरे पैरों की तरफ मुँह कर लिया था.

दिशा इसी पोजीशन में मेरे लंड के ऊपर बैठ गयी और मेरा पूरा बड़ा लंड उसकी चूत में घुस गया. अब वो मुझ पर कूदने लगी और मैं पीछे से उसके कूल्हों को देखता रह गया. मैं उसके कूल्हों पर प्यार से मार रहा था और उनको लाल कर रहा था.

बहुत देर तक ऐसे ही मस्त चुदाई चलती रही.
अब तक दिशा भी अपनी चूत का पानी छोड़ चुकी थी. मेरे लंड में भी मुझे कुछ महसूस सा होने लगा. ऐसा लग रहा था कि मेरा लंड फट जाएगा और मेरा कामरस निकलने वाला है.

उस चरम आनन्द से मेरी आंखें बंद हो गई. लंड फूल गया और उसने अपना लावा छोड़ दिया. मैंने अपना सारा कामरस उसकी चूत में भर दिया. उस वक्त दिल में एक अजीब सी फीलिंग थी. मैं बहुत रिलैक्स फील कर रहा था और मेरी आंखें बंद थीं.

तभी दिल के किसी कोने से होते हुए मेरे मुँह से एक नाम निकला ‘महक.’

आपके विचारों के लिए मुझे प्रतीक्षा रहेगी. महक का क्या हुआ … उसकी लव सेक्स स्टोरी को आगे लिखूंगा.
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लव सेक्स स्टोरी का अगला भाग: मेरी जिन्दगी की हसीन दास्तान- 2



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