लॉकडाउन में दीदी ने किया सबका मनोरंजन- 1

भाई बहन सेक्स कहानी में पढ़ें कि मेरी दीदी अपने बॉयफ्रेंड से चुदाई करती थी। मेरी भी मन से इच्छा थी दीदी की चुदाई करने की। फिर लॉकडाउन हुआ और …

लेखक की पिछली कहानी: मेरी दीदी सेक्स की प्यासी

दोस्तो, मेरा नाम वीरू है और मैं मध्यप्रदेश के एक छोटे से गाँव का रहने वाला हूँ। मेरी उम्र 22 वर्ष है। मेरी हाइट 6 फीट है और मेरा शरीर भी काफी गठीला और ताकतवर है।

मेरी भाई बहन सेक्स कहानी का मजा लें.

मेरे पापा शहर में एक दवाइयों की दुकान चलाते हैं और मैं उनका दुकान में हाथ बंटाता हूँ और साथ में कॉलेज की पढ़ाई भी कर रहा हूँ।

मेरी दीदी का नाम सुनैना है और उसकी उम्र 24 वर्ष है। वो देखने में बहुत ही खूबसूरत है। उसकी हाइट भी काफी है।

मेरी दीदी का शरीर गोरा और भरा हुआ है। वो हमेशा से ही बहुत तंग कपड़े पहनती है। उसका फिगर 36-32-38 है।
वो इतनी सुंदर और रस भरी है कि उसे चोदने के लिए कोई भी लड़का किसी भी हद तक जा सकता है।

उसके पीछे हमेशा से ही बहुत सारे लड़के पड़े रहते थे पर वो किसी को भाव नहीं देती थी।
हालाँकि उसके कई बॉयफ्रेंड रह चुके हैं और अभी भी एक है।

वो चाहती तो एक मॉडल भी बन सकती थी मगर पापा ऐसा नहीं चाहते थे।

इसलिए उसने पढ़ाई में अपना सारा ध्यान लगाया और 23 साल की छोटी सी उम्र में दांतों की डॉक्टर बन गयी थी।
पापा ने उसके लिए अपनी दुकान के साथ में ही इसके लिए दाँतों की दुकान खोल दी।

हमारा जीवन जीवन बहुत अच्छे से चल रहा था। हालाँकि माँ गाँव में अकेली ही रहती थी मगर हम बारी-बारी से घर चले जाया करते थे।

हमारी दोनों दुकानें आपस में जुड़ी हुई थीं और दोनों दुकानों के ऊपर वाली मंजिल में हम सब रहते थे। हम रात को दुकान अंदर से ही बन्द करते थे क्यूंकि ऊपर जाने का रास्ता सिर्फ अंदर से ही था।

उस किराये के घर में हमारे 2 ही कमरे थे तो एक में मेरी दीदी सोती थी और दूसरे में मैं और पापा।
पापा हमेशा मेरे साथ ही होते थे तो मैं ज्यादा मस्ती नहीं कर पाता था।

मगर कॉलेज में मैं अपने कुछ अच्छे दोस्तों के साथ पूरी मस्ती करता था।
दूसरी ओर मेरी दीदी सुनैना को बहुत छूट थी; वो बहुत ही खुले विचारों की लड़की है।

वो अकेले कमरे में सोती थी तो वो रात भर अपने प्रेमी से बातें करती थी।
कभी-कभी वो जब 5 बजे अपनी दुकान बंद करती थी तो वो पापा से सहेली से मिलने के बहाने अपने प्रेमी से मिलने चली जाती थी।

वो किसी भी तरह की बात करने से कभी भी हिचकिचाती नहीं थी। वो मुझे साइड में बुला कर कंडोम लाने के लिए कहती थी।
मैं भी उस समय थोड़ा शर्मा जाता था मगर बाद में इन बातों को आम मानकर भुला देता था।

मेरे मन में दीदी को चोदने की तीव्र इच्छा हमेशा ही पैदा हो जाती थी।
कभी कभी अकेले में बैठे-बैठे मैं सुनैना दीदी के बारे में बहुत ही गन्दी चीज़ें सोच लेता था और उस दौरान मेरा लौड़ा भी सख्त हो जाता था।

पहले तो मैं मन को बहला देता था किंतु बाद में मेरी अपनी सोच पर कोई रोक नहीं रही; मैं दीदी के नाम पर मुठ मारने लगा।

कभी कभी वो किसी का इलाज करते हुए झुकी होती थी तो मैं उसकी बड़ी सी गांड को तंग पैंट में देखता था और उसका वैसे ही फोटो खींच लेता।
फिर मैं बाथरूम में जाकर मुठ मार देता था।

समय के साथ साथ मेरी हवस सुनैना दीदी के प्रति बहुत बढ़ गयी थी।

एक दिन दीदी ने दुकान बन्द करते समय मुझे अपने पास बुलाया।
दीदी- यार वीरू! मैं आज बाहर जा रही हूँ। तू प्लीज एक कंडोम का इंतज़ाम कर दे।

उस दिन दीदी एकदम माल लग रही थी।

मैं दीदी को देखकर अपना आपा खो बैठा- दीदी! बाहर जाने की क्या जरूरत है?
दीदी- तो क्या उसे घर में बुला लूँ?

मैं- जरूरी थोड़ी है कि आप किसी बाहर वाले से ये सब करवाओ?
दीदी आश्चर्य से- तब किसके साथ करूँ?
मैं हिम्मत जुटाकर- मैं हूँ न। मेरे साथ करो। मुझमें क्या कमी है?

दीदी ये सुनकर पहले हैरान रह गयी। मगर बाद में दीदी ने सोचा कि मैं मज़ाक कर रहा हूँ।
दीदी- चल यार, मज़ाक मत कर। प्लीज जल्दी से लेकर आ न!

मैं भी उस समय आश्चर्य में था कि मैंने दीदी से ये सब बोल दिया।
लेकिन उसके बाद मैं अपनी दुकान में गया और स्टोर में जाकर एक कंडोम चुपके से उठाया और जाकर दीदी को दे दिया।
उसके बाद दीदी वहाँ से चली गयी।

हमारी दुकान में बहुत सारे कंडोम थे। मैंने अपने दोस्तों को बहुत से कंडोम दिए हैं। हमारी दुकान में बहुत बड़े डॉटेड कंडोम भी हैं।
मैं हमेशा से ही उन्हें पहन कर किसी लड़की को चोदना चाहता था।

कोरोना के समय हमारी दवाई वाली दुकान का काम बहुत बढ़ गया था।
लॉकडाउन से पिछले दिन हमारा बहुत सा सामान घट गया था। इसलिए पापा ने मुझे सामान लाने के लिए भेजा। मुझे अबकी बार बहुत सारा सामान लाना था।

मैं सामान लेने चला गया और पीछे से एक दिन लॉकडाउन की घोषणा हो गयी।
पापा को उसी दिन घर भी जाना था; पापा ने सोचा कि 1 दिन की ही तो बात है।
इसलिए जैसे ही मैं दुकान पर वापिस पहुंचा तो पापा वैसे ही गाँव चले गए।

अब मैं अकेला दुकान संभालने लगा।

एक दिन के लॉकडाउन के बाद सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा कर दी। पापा ने सोचा कि ये ऐसे ही होगा।

मगर ये लॉकडाउन बहुत सख्ती से लागू हुआ और पापा गाँव में ही फंस गये और हम अपने शहर वाले घर में।
उसी दिन मेरे 9 दोस्त जो कि हरियाणा के थे, उन लोगों ने अपने किराये के कमरे छोड़ दिए और अपने घर वापस जा रहे थे।

उन लोगों को न तो कोई ट्रेन, बस और न कोई गाड़ी मिली। जब वो वापस अपने किराये के कमरों में गये तो उनके कमरे किसी और लोगों ने ले लिए थे।

अब वो कैसे न कैसे करके मेरे पास आ पहुंचे। उन्होंने मुझे अपनी बात बताई और उन लोगों ने मुझसे पूछा कि जब तक कुछ साधन न निकल जाये, तब तक क्या वो मेरे पास रह सकते हैं या नहीं?

मैं तो राज़ी था मगर हमारे घर में सिर्फ 2 ही कमरे थे और एक में मेरी दीदी रहती थी। तो मैं अब फंस गया कि क्या किया जाये।
ये बातें करते समय हम अपने घर में ही थे। सुनैना दीदी भी वहीं थी।

सब लोगों को पता था कि घर में जगह कम है और लोग ज्यादा हो जायेंगे और साथ में एक लड़की भी है। किसी को उम्मीद नहीं थी।

मगर तभी दीदी मान गयी और कहा- कुछ लोग यहाँ रह जायेंगे और कुछ लोग नीचे मेरी दुकान में भी रुक सकते हैं। वहां भी काफी जगह है।

बहुत देर तक बात चली और फैसला हुआ कि 3 लोग मेरे कमरे में, 3 लोग हॉल में और 3 लोग नीचे दुकान में आ जाएंगे और जब कुछ जाने का जुगाड़ होगा तो वो यहां से चले जाएंगे।

मैं उन अभी लोगों को बहुत अच्छी तरह जानता था। वो सब मेरे जैसे ही लंबे और हट्टे-कट्टे थे। आखिर वो हरियाणा के रहने वाले थे। वो बहुत ही निडर और खुले दिल के आदमी थे।

वो सब मेरी तरह ही हवस से भरे थे। मैं हमेशा उन लोगों के साथ ही रहता था।

रात को दीदी ने सबको खाने के लिए बुलाया और सब छोटे से हॉल में आकर बैठ गए।

दीदी ने एक बहुत ही तंग नाईट सूट पहन रखा था। दीदी ने अंदर भी कुछ नहीं पहना था। इस कारण दीदी के स्तनों के उभार साफ़ नज़र आ रहे थे।

मेरी दीदी के स्तन इतने बड़े थे कि उनके कपड़ों के बटनों ने दीदी के स्तनों को बहुत ज़बरदस्ती से पकड़ रखा था। बटनों के बीच में बची जगह से दीदी के गोरे-गोरे स्तन साफ़ दिख रहे थे।

ऐसा नज़ारा देखकर मैंने गौर किया कि सबकी पैंट में उभार आ गया था और मेरी खुद की पैंट में भी।
हम सब गोले में बैठे थे और दीदी खाना परोसने लगी।

जैसे ही दीदी खाना देने के लिए नीचे झुकती तो सामने वाला दीदी के स्तनों में झाँकने की कोशिश करता और पीछे वाला दीदी की बड़ी गांड को देखता।

फिर जैसे ही दीदी ऊपर उठती तो दीदी का पजामा उनकी गांड में फंस जाता था।
खाना खाने के बाद दीदी खड़े होकर बर्तन साफ़ कर रही थी और ऐसा करते हुए दीदी की गांड बहुत हिल रही थी।

ये सब नज़ारा वो लोग देख रहे थे। अब सबके मन में मेरी सुनैना दीदी को चोदने की इच्छा जाग उठी थी।

वो लोग इस मामले में बहुत तेज़ थे। उनको जो लड़की पसंद आ जाती थी वो उसको पटाकर चोद ही देते थे।

मगर मैंने सोचा कि ये मेरी दीदी के साथ ऐसा नहीं करेंगे क्यूंकि वो मेरे दोस्त हैं और इस बात का लिहाज रखेंगे।
उस रात को जब हम सब बातें कर रहे थे और दीदी भी कुछ देर हमारे साथ बैठी रही।

वो लोग मेरे और दीदी के साथ बहुत बातें कर रहे थे।
जब जब दीदी हंसती तब-तब दीदी के स्तन उछलने लगते थे और सब मेरी दीदी के स्तनों को ही देख रहे थे।

बहुत देर तक बातें करने के बाद दीदी सोने चली गयी।

मगर मेरे एक दोस्त ने मुझे उसके साथ नीचे दुकान में आने के लिए कहा। मैं उसके साथ चला गया और साथ में सब लोग भी आ गए।

वहाँ मेरे दोस्त ने मुझसे कहा- तुझसे एक बात करनी है।
मैंने कहा- हाँ बोल?

उसने मुझसे जो कहा उसने हमारी कहानी बना दी। मुझे पता था कि लड़कियों के मामले में वो बहुत आगे हैं और और इस मामले में मैं सबकी नस-नस से परिचित था।

उन सभी ने मुझे समझाया और कहा कि उन्हें पता है कि वो तेरी दीदी है और उनके मन में दीदी के प्रति अब बहुत सी इच्छाएं जाग गयी हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि अब वो पीछे हटने वालों में से नहीं हैं। वो लोग मेरी दीदी को चोदकर ही दम लेंगे।

मुझे हैरानी तो तब हुई जब उन्होंने मुझसे कहा कि उन्हें पता चल गया है कि मेरे दिल में भी मेरी अपनी दीदी को चोदने की इच्छा है।

उन लोगों ने मेरे फ़ोन में दीदी की गांड और स्तनों के चुपके से लिए फोटोज देख लिए थे और जब ऊपर दीदी खाना परोस रही थी तो उन लोगों ने मेरा उठा हुआ लौड़ा भी देख लिया था।

अब मैं कुछ कहने के लायक नहीं रह गया था। मैं कुछ समझ नहीं पा रहा था।
मैंने उनसे कहा कि दीदी इसके लिए बिल्कुल भी नहीं मानेगी। एक लड़का होता तो वो शायद मान भी सकती थी मगर यहाँ मुझे मिला कर 10 लड़के हो गए हैं।

सभी ने मुझे बहुत सी मीठी-मीठी बातें करके आखिर में मना ही लिया।
उन लोगों ने कहा कि अगर आज का प्लान सफल हो गया तो सबसे पहले तू ही अपनी दीदी को चोदना … बाद में वो चोद लेंगे।

मेरे दोस्त लोगों ने कहा- देख लो … बाद में वो लोग तो चले जायेंगे और फिर मुझे हर रोज़ दीदी की चूत चोदने का मौका मिलता रहेगा।
उन लोगों ने मुझे बहुत से सपने दिखाये और मैं उनकी बातों में आ गया।

उसके बाद हम सब ऊपर गये और सीधे दीदी के कमरे में चले गए।
दीदी हमारी तरफ अपनी गांड करके सो रही थी। दीदी की गांड देखकर सब लोग आहें भरने लगे।

उन लोगों ने मुझे अब कुछ समझा दिया था कि मुझे दीदी को कैसे मनाना है।
तो मैं दीदी के पास चला गया और वो सब बाहर चले गए।

मैं सीधा दीदी के बिस्तर के पास चला गया और अपना पजामा उतार दिया। मैं दीदी के बिस्तर पर लेट गया और अपने लौड़े को कच्छे के अंदर से ही दीदी की गांड पर घिसने लगा।
फिर मैंने अपना हाथ दीदी के एक स्तन पर रख दिया।

दीदी अभी नींद में ही थी। उसके बाद दीदी थोड़ी जाग गयी। दीदी को अभी लग रहा था कि वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ है।

इसलिए दीदी ने मेरा हाथ पकड़ा और कपडे़ के अंदर से अपने स्तनों में डाल दिया और अपनी गांड को मेरे लौड़े से सटा कर घिसने लगी।
तभी दीदी उठ गई और उसे याद आया कि वो तो अपने ही घर में है।

वो अचानक से उठी और बिस्तर के एक कोने में जाकर बैठ गयी।
वहीं लाइट का बटन भी था।
उसने लाइट ऑन की तो देखा कि मैं उसके बिस्तर पर अंडरवियर में बैठा हूँ और मेरा लौड़ा भी खड़ा हुआ है।

फिर वो मुझसे गुस्से में बोली- वीरू! ये क्या बदतमीजी है? ये क्या कर रहे हो तुम?
मैं- दीदी! दीदी! आप पहले शांत हो जाओ। आप डर गयीं हैं, मैं आपको सब समझता हूँ। पहले आप ये पानी पी लो।

मैंने पहले से ही पानी में 2 सेक्सवर्धक गोली मिला रखी थी।

दीदी पहले पानी पीने को मना करने लगी पर बाद में पी ही लिया।

मेरे दोस्तों से रहा नहीं गया और वो भी अंदर आ गए।

दीदी उनको देख कर हैरान रह गयी और पूछने लगी कि अब ये लोग यहाँ क्या कर रहे हैं?
उसके बाद मैंने दीदी को शांत किया और मैंने दीदी को समझाया कि मैं उससे कितना प्यार करता हूँ और मैं उनको पाने के लिए कुछ भी कर सकता हूँ।

मैंने दीदी को बहुत देर तक बहुत समझाया और दीदी मान ही नहीं रही थी।

तब तक गोली का असर होना शुरू हो गया। अब दीदी की चूत में खुजली होने लगी। दीदी की आवाज़ धीमी पड़ने लगी और दीदी की टांगें हिलने लगीं।

उसके बाद दीदी खड़ी हो गयी। उसका पजामा इतना टाइट था कि उसमें से दीदी की चूत का आकार साफ़ नज़र आ रहा था।
उससे पता चल रहा तो कि दीदी ने अंदर पैंटी भी नहीं पहनी थी।

दीदी बहस करते हुए बीच-बीच में अपनी चूत पर हाथ फेरने लगी और थोड़ी देर बाद दीदी दीवार का सहारा ले कर खड़ी हो गई और हमने देखा कि दीदी के पजामे से पानी आ रहा था। असल में वो चूत का पानी था।

अब मैंने बातों बातों में उनको गले लगा लिया और दीदी को समझाते हुए उनकी पीठ पर अपने हाथ फेरने लगा।
मैं दीदी के कानों और उसके नीचे गर्दन से अपने होंठ लगाने लगा।

दीदी के स्तन मेरी छाती से चिपके हुए थे। अब दीदी की धड़कनें बढ़ने लगीं और दीदी मुझे उसके गले लगने से नहीं रोक रही थी।

इसलिए मैंने दीदी के कानों और उसकी गर्दन पर किस करना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने दीदी को पूरी तरह से दीवार से सटा दिया और गले से किस करते हुए मैं दीदी के होंठों तक आ गया।

मैंने दीदी के चूतड़ों को पकड़ा और अपनी तरफ खींचा जिससे मेरा सख्त लौड़ा दीदी की नाभि पर लग गया।
उसके बाद मैंने दीदी को किस करते हुए दीदी के कॉलर को पकड़ा और ज़ोर से खींच कर सारे बटन तोड़ दिए।

दीदी के स्तन उछलते हुए मेरे सामने आ गए। मैं दीदी को किस करता रहा क्यूंकि अगर मैं हटता तो दीदी का मन उस समय बदल भी सकता था।

अब वो एकदम भूल गयी थी कि वो अपने भाई के साथ ये सब कर रही है और ये भी भूल गयी थी कि उस कमरे में और लोग भी हैं।

दीदी के स्तन बहुत ही बड़े थे।
कपड़ों में दीदी के चूचे बेचारे थोड़े छोटे लगते थे मगर अब वो किसी पहाड़ से कम नहीं लग रहे थे।
अब वो आज़ाद होकर खुली हवा में उछल रहे थे।

उसके बाद मैंने दीदी को किस करना चालू रखा और दीदी के बड़े बड़े स्तनों को अपने हाथ में लेकर मसलने लगा।
दीदी के स्तन किसी कांच की तरह चमक रहे थे। वो इतने बड़े थे कि मेरे हाथों में आ ही नहीं रहे थे।

मैंने सुनैना दीदी के स्तनों के चूचकों को दबाना और मरोड़ना चालू कर दिया।
अब दीदी और उत्तेजित होने लगी और ‘अम्म … अम्म … आह्ह …’ की आवाजें निकालने लगीं।

दीदी मेरा सहयोग देने लगी और दीदी ने अपने हाथों से मेरे हाथ पकड़ लिए और उन्हें अपने स्तनों पर जल्दी-जल्दी और ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी।

उसके बाद मैं एक हाथ नीचे दीदी की टांगों की ओर ले गया, मैं अपना हाथ दीदी की चूत के आस-पास वाली जगह फेरने लगा।
दीदी भी अपनी टाँगों को आगे-पीछे करने लगी।

मैंने कुछ देर बाद अपना हाथ दीदी के पजामे के बाहर से ही दीदी की चूत पर रख दिया। दीदी का पजामा चूत के पानी से पूरी तरह गीला हो गया था।

दीदी की चूत के होंठ बहुत मोटे-मोटे थे जो कि पजामे के बाहर से दिख जाते थे। मैंने उन होंठों के बीच में उँगलियाँ रखीं और ऊपर-नीचे, आगे-पीछे करने लगा।

इससे वो इतनी उत्तेजित हो गयी थी कि वो अपनी टांगों को सिकोड़ने लगी।
हम अभी भी किस ही कर रहे थे।

अब तक मैं भी पूरी तरह उत्तेजित हो गया था। मैंने दीदी की चूत के नीचे अपना पूरा हाथ रखा और वैसे ही दीदी को उठा कर दीदी के बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया।

दीदी बिस्तर पर लेटी हुई थी और ज़ोर-ज़ोर से सांसें ले रही थीं। मेरा और दीदी का शरीर एकदम गर्म हो गया था।

अभी तक की भाई बहन सेक्स कहानी पर अपनी राय देना न भूलें।
मेरा ईमेल आईडी है [email protected]

भाई बहन सेक्स कहानी अगले भाग में का अगला भाग: लॉकडाउन में दीदी ने किया सबका मनोरंजन- 2



Mari sex kahni girlbehan nahi mili toh maa ki chudaiDidi choda bhai sex storybhaiyo ne baheno ki bur chudai ki hindi kahaniya ladke ki gaand maari kahani/family-sex-stories/family-incest-sex-kahani/पिंकी सेन की सेक्स कहानियांसामूहिक Hindi xxx khanikam umra me chud ki kahaniकहनी चुत कीChut par land ki maar gandi kahaniमैडम को चोदा कहानीअन्तर्वासना स्टोरीsexy kahaniya Indian bahu sasur kiLadki ki gand marne ki kahani/bhabhi-sex/dost-biwi-khet-choda/xxx ki kahaniबिधबा चीची कीचुदाइ कहानी"पापा का लंड" storylackdoun.m.bhabi.ki.gand.marna.k.khanichachi ko pela antarvasanateren me chudai ki khanikahani didi mom sexwo mere ko sath chipka ker sota hai sexstoryNandoi se chudi nand ne ki madad.sex storihot bhabhi goli khake chudai storiyhot garam chudai ki kahani with photomaa ne bete ka sat rag rat menai sxy kahni maa bete ka lend mu ma lyakamvasna chudai kahaniWife sex kahanipati ke dost chudsi storyबुर राबिया चेदाइxxx jahanimaa bete ki chudai xxx kahani hot newचुदाई कहानी लिखा माँ बहन काCHACHA AUR CHACHI NEW KAHANI SEXबच मे सेकस कहानि/tag/padosi/xxx कहानिया/tag/hindi-desi-sex/bibi ne maa se chodayaBhai ne behan ko choda kahaniseex khani hindi gav seexbahan ne chudwane ke liye bhai ko teyar kiya hindi sex story/aunty-sex/hot-aunty-chudai-kahani/desi kahani/teenage-girl/bhai-ne-bahan-ki-gand-mari/Didi ke chut ka bosra xxx story in hindiChut khaniHaryana aurat sex kahanisex hot kahanikaamuk kahaani दोस्तों बहनोंChudai kahanigand sex storyचुत कहानिपरोसन चाची कि चुत चोदाइsex storySexstory maa bete chudaihimanshi ki chudai hindi kahaniabhabhi ki kub gand chodi storychachi ko choda kahanishadi ke fere liye chudai kahanimami chut khet kahaniBhabi ki atrpt wasna kahaniChachi ko choda khaniyaBur ki chudai kahanixxx kahani mom bahan holi gand mariDidi ne bete se ma ki chudai karvaye kahaniyanचूत की चुदाई कहानीTarak Mehta ka ooltah chashmah Hindi chudai kahanibuaa saxse khaniahindi story sax padhne walirel.gadi.me.chudi.kahani.Chut par land ki maar gandi kahanipub me mili ladki ko choda storylandkhor bibiभाऍ न बहिन कि चुदाऍ कि काहानी/antarvasna/meri-chut-story/moti gand cudai storyhindi sex story padhne waliDukandar uncle ne dukaan me ki chudai sex storiesplus.google.com CHACHI KI CHODAI KAHANIchut land ke khane hinde/family-sex-stories/jija-bhai-bahan-chut-5/Didi ke chudai uska sasural me new Hindi sex storybade Lund se chudai sex kahani